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नागपुर. हिंगना के एनकेपी साल्वे इन्स्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च सेंटर (लता मंगेशकर अस्पताल) में जूनियर निवासी डॉक्टरों का काम बंद आंदोलन चौथे दिन भी जारी रहा. इस बीच अस्पताल में मरीजों की संख्या घटी है. इमरजेंसी सेवा छोड़कर निवासी डॉक्टर वार्डों सहित ओपीडी में सेवाएं नहीं दे रहे हैं. इस वजह से कई ऑपरेशन स्थगित कर दिये गये हैं. 

सरकारी कॉलेजों की तरह विद्या वेतन देने की मांग को लेकर अस्पताल के 320 निवासी डॉक्टरों द्वारा काम बंद आंदोलन किया जा रहा है. इस बीच 40 निवासी डॉक्टर इमरजेंसी सेवा दे रहे हैं. निवासी डॉक्टरों का कहना है कि सरकारी कॉलेजों की तरह उन्हें भी 75,000 रुपये से अधिक विद्या वेतन मिलना चाहिए जबकि वर्तमान में 65,000 रुपये महीना दिया जा रहा है. जब तक मांगें पूरी नहीं होतीं तब तक आंदोलन जारी रखने का निर्णय डॉक्टरों ने लिया है. काम बंद आंदोलन की वजह से मरीज एम्स, मेडिकल जा रहे हैं. बताया जाता है कि करीब 60 फीसदी मरीजों का फ्लो कम हुआ है. 

नागपुर जैसे अन्य जगह भी हालात 

पिछले दिनों भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद द्वारा देश भर के 10,178 निवासी डॉक्टरों का ऑनलाइन शैक्षणिक सहित अन्य समस्याओं के बारे में सर्वेक्षण किया गया था. इसमें पाया गया था कि २,११० निवासी डॉक्टरों को विद्या वेतन नहीं मिलता. वहीं प्राइवेट कॉलेजों के ४,२८८ निवासी डॉक्टरों को सरकारी कॉलेजों की तुलना में कम विद्या वेतन मिलता है. इतना ही नहीं, १,२२८ स्नातकोत्तर विद्यार्थियों का विद्या वेतन संबंधित महाविद्यालय द्वारा वापस ले लिया जाता है. इसी सर्वेक्षण के बाद परिषद ने सभी निवासी डॉक्टरों को एक समान विद्या वेतन देने के निर्देश दिये हैं. इस संबंध में राज्य वैद्यकीय शिक्षा विभाग ने २८ फरवरी, 2023 को सभी बिना अनुदानित संस्थाओं को पत्र भेजकर समान विद्या वेतन देने के आदेश दिये थे.