School Bus
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    नागपुर. शिक्षण संस्थाओं के माध्यम से चलाई जाने वाली बसों से कई बार गंभीर हादसे हो चुके हैं लेकिन आरटीओ की नींद अब तक नहीं खुली. आरटीई एक्शन कमेटी के चेयरमैन मोहम्मद शाहिद शरीफ ने कहा कि आखिर वह कौन सी मजबूरी और लाचारी है कि आरटीओ प्रशासन स्कूल, कॉलेज आदि शिक्षण संस्थानों द्वारा संचालित की जाने वाली बसों की नियमित जांच-पड़ताल नहीं करता.

    शरीफ ने कहा कि नवंबर के दूसरे सप्ताह में एक स्कूल बस अचानक इतनी बेकाबू हो गई कि उसने कई वाहनों को टक्कर मार दी. बस का यह रौद्र रूप यहीं पर समाप्त नहीं हुआ. इसके पश्चात बस की चपेट में आने से एक 14 वर्षीय छात्र कुचल गया. उसकी दर्दनाक मौत हो गई. स्कूल बसों से इस प्रकार की कई दुर्घटनाएं होती रहती हैं लेकिन प्रशासन कभी गंभीर नहीं होता है.

    घटना होने पर 4 दिन चर्चा होती है और मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है. प्रशासन अपनी कुंभकर्णी नींद में सो जाता है. शरीफ ने कहा कि यदि आरटीओ विभाग नियमित रूप से स्कूल के वाहनों की जांच पड़ताल करता रहे तो ऐसी गंभीर घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकता है. इतनी गंभीर घटनाओं के बाद भी एडीफाइ स्कूल की एक बस का नजारा ऐसा दिखाई दिया जिसमें बस का दरवाजा खुला था. बस धड़ल्ले से दौड़ती हुई दिखाई दे रही थी. शरीफ ने प्रशासन से मांग की के वह ऐसे मामलों को गंभीरता से ले और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई कर मासूमों की जान से खिलवाड़ कर रहे लोगों पर शिकंजा कसे.