Samruddhi Mahamarg
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  • आपातकालीन स्थिति के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं

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नागपुर. समृद्धि महामार्ग शुरू हो चुका है. इसकी भव्यता को लेकर सराहना भी काफी हुई लेकिन अब लोग इस पर सफर करने के दौरान आने वाली दिक्कतों की बात करने लगे हैं. 100 किलोमीटर के दायरे में न तो कोई होटल-रेस्टोरेंट है और न ही कोई पेट्रोल पम्प नजर आता. और तो और अगर दुर्घटना हो जाती है तो तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करने की कोई सुविधा भी नहीं है. समृद्धि हाईवे पर यात्रा करने वाले कई लोगों ने इस बारे में शिकायत की है. जो भी इस महामार्ग से जा रहा है वह अपने अनुभव बता रहा है. नागरी सुविधाएं नहीं होने से लोगों के मन में यही सवाल उठा रहा है कि आखिर प्रधानमंत्री ने इतनी हड़बड़ी में इस महामार्ग का लोकार्पण क्यों किया? इतने बड़े मार्ग में नागरी सुविधाएं होना बहुत आवश्यक है. न जाने कब किस चीज की जरूरत पड़ जाए.

सुलभ शौचालय का अता-पता नहीं

महामार्ग पर पुरुष, महिलाओं और बच्चों के लिए दूर-दूर तक सुलभ शौचालयों का कहीं भी अता-पता नहीं है. किसी को रास्ते में प्यास या भूख लग जाए तो दूर-दूर तक पेयजल या रेस्तरां की व्यवस्था नहीं है. रास्ते में यदि किसी वाहन का पेट्रोल-डीजल खत्म हो जाए तो पम्प नहीं होने से दिक्कतें खड़ी होना तय है. इससे भी चिंताजनक बात तो यह है कि रास्ते में किसी वाहन चालक के साथ लूटपाट, राहजनी, डकैती, अपहरण, हत्या, दुष्कर्म जैसी आपराधिक घटनाएं घटित हो जाएं तो पीड़ितों की मदद के लिए दूर-दूर तक एक भी पुलिस चौकी तक नहीं है.

पहला नियंत्रण कक्ष औरंगाबाद जिले में

महामार्ग में दिलचस्प बात यह नजर आई कि 520 किमी की नागपुर-शिर्डी यात्रा के दौरान पहला नियंत्रण कक्ष औरंगाबाद जिले में स्थित है. इतनी दूर इसे रखने का औचित्य समझ नहीं आया. इस मार्ग से सफर करने वाले लोगों के अनुसार पहले यहां पर होटल, रेस्टोरेंट, पेट्रोल पम्प और पुलिस चौकी जैसी सुविधाएं मुहैया करानी चाहिए थीं. इसके पश्चात ही इसे शुरू करना था.