
नागपुर. निवेशकों को लालच देकर ठगी किए जाने के मामले में श्रीसूर्या के मालिक समीर जोशी को गिरफ्तार किया गया था. मामले की जल्द सुनवाई नहीं होने के कारण लंबे समय से जेल में होने का हवाला देते हुए उसने हाई कोर्ट में जमानत के लिए पुन: याचिका दायर की. याचिका पर सुनवाई के दौरान अब विशेष न्यायालय की ओर से हाई कोर्ट में अर्जी दायर की गई है जिसमें विशेष अदालत ने मामले के निपटारे के लिए अतिरिक्त समय प्रदान करने का अनुरोध किया. इस पर सुनवाई के बाद न्यायाधीश एमडब्ल्यू चांदवानी ने 1 वर्ष के भीतर सकात्मक रूप से सुनवाई कर निपटारा करने के निर्देश विशेष अदालत को दिए.
उल्लेखनीय है कि श्रीसूर्या कंपनी में निवेश के लिए लालच देने के बाद लगभग 5,500 निवेशकों के साथ ठगी की गई थी जिसमें लगभग 200 करोड़ की धांधली होने का अनुमान पुलिस ने लगाया था.
पहले भी दिए गए थे 2 वर्ष
इसके पूर्व जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की 23 अप्रैल 2017 की रिपोर्ट के अनुसार मामले की सुनवाई के लिए 2 वर्ष का अतिरिक्त समय देने का अनुरोध किया गया था. विशेष न्यायालय का मानना था कि एमपीआईडी के तहत दर्ज मामले की सुनवाई में 55 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं, जबकि इतने ही गवाहों के बयान दर्ज करना बाकी है. भेजे गए पत्र में कोरोना महामारी का हवाला देते हुए पुन: समय बढ़ाकर देने का अनुरोध किया गया था. मांग को जायज करार देते हुए हाई कोर्ट ने विशेष न्यायाधीश को इस मामले के निपटारे के लिए हरसंभव प्रयास करने, किंतु 2 वर्ष से अधिक लंबा समय नहीं लगाने को कहा था. अब पुन: अतिरिक्त समय के लिए अर्जी दायर की गई.
पूरी चार्जशीट भी नहीं की पेश
अदालत का मानना था कि याचिका के साथ पूरी चार्जशीट भी पेश नहीं की गई है. वैसे भी यह कोई अत्यावश्यक मामला नहीं है. उल्लेखनीय है कि निवेशकों के साथ धोखाधड़ी किए जाने के मामले में समीर जोशी और उसकी पत्नी के अलावा अन्य संचालकों के खिलाफ पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था. गिरफ्तार किए जाने के बाद से लगभग साढ़े 3 वर्षों तक जेल में रहकर जोशी ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. उल्लेखनीय है कि गिरफ्तारी के बाद से समीर जोशी लगभग 7 वर्षों से जेल में है. इसके पूर्व भी जमानत के लिए अर्जी दायर की गई थी.