Snake Bite
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    नागपुर. परिसर में नागरिकों की भीड़ देखकर एक युवक रास्ते पर रुक गया. जख्मी सांप रास्ते पर तड़प रहा था. सांप को बचाने के लिए युवक आगे बढ़ा लेकिन उसे जरा भी आभास नहीं था कि जख्मी उसे भी काट सकता है, जो नहीं होना था वही हुआ और सांप ने युवक को डंस लिया. पूरे शरीर में विष फैल गया. उपचार के लिए मेडिकल अस्पताल ले जाया गया. डॉक्टरों की मेहनत रंग लाई और आखिर युवक को मौत के मुंह से बाहर निकाला गया.

    शुभम देवराव रंगारी छाया चित्रकार है और निजी कंपनी के लिए काम करता है. इसके पहले भी वह 3 बार जख्मी सांपों की जान बचा चुका है. काम से लौटते समय उसे घर के पास लोगों की भीड़ दिखाई दी. सांप रास्ते पर जख्मी पड़ा था. शुभम उसकी जान बचाने के लिए आगे बढ़ा. वह नहीं जानता था कि सांप विषैला है. सांप ने उसे डंस लिया. जख्मी होने के कारण सांप ने बहुत ज्यादा प्रमाण में विष छोड़ा. सांप के डंसने के बाद उसे एहसास हुआ लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. शुभम वहीं बेहोश हो गया. परिजन उसे उपचार के लिए मेडिकल अस्पताल ले गए. शुभम का मस्तिष्क और हाथ-पैर ढीले पड़ गए थे. 

    दिन-रात सेवा में जुटा रहा स्टाफ

    तुरंत डॉक्टरों ने उसे वेंटिलेटर पर डाला और उपचार शुरू किया. जहर पूरे शरीर में फैल चुका था. जब डॉक्टरों को बताया कि सांप को बचाने का प्रयास करते समय शुभम हादसे का शिकार हुआ तो डॉक्टर ने भी एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया. डॉ. प्रवीण शिंगाड़े, डॉ. सागर खंडारे,  डॉ. अतुल राजकोंडावार, डॉ. प्रज्ञा गावित, डॉ. स्नेहल, डॉ.अपूर्वा, डॉ. देवेश, डॉ. देवेंद्र और विभाग का स्टाफ सेवा में जुट गया. कोविड काल में जहां निजी अस्पतालों के डॉक्टर 4 फुट दूर से मरीज की जांच करते है वहीं मेडिकल के डॉक्टर दीपावली पर भी दिनरात सेवा में जुटे थे. आखिर डॉक्टरों के प्रयास सफल हुए और शुभम की जान बच गई. शनिवार को उसका जन्मदिन था. मां ने डॉक्टरों की उपस्थिति में बेटे का जन्मदिन मनाया. मां का अश्रू बांध टूट पड़ाऔर हाथ जोड़कर डॉक्टरों को धन्यवाद दिया.