ST Bus
File Photo

Loading

नागपुर. एक समय था जब कोविड काल और कर्मचारियों की सामूहिक हड़ताल के कारण महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन मंडल (एसटी) जिसे हम लालपारी के नाम से जानते हैं की हालत खस्ता हो गई थी. करीब दो वर्ष के अंदर ही  जिले के सभी 8 डिपो से इसे 70 से 80 करोड़ का घाटा हुआ. जैसे ही हड़ताल खत्म हुई और लालपरी सड़क पर दौड़ी तो हालात बदलना शुरू हुए. लेकिन एसटी के खजाने में सबसे बड़ी राहत उस समय मिली जब आलाकमान ने महिलाओं और सीनियर सिटीजन को किराए में राहत दी.

खासकर नारी शक्ति को जैसे ही किराए में 50 प्रतिशत की छूट मिली तो बसें हाउसफुल हो गईं. बीते वर्ष अप्रैल से लेकर दिसंबर तक कमाई के जो आंकड़े हैं वे इस बात की पुष्टि करते हैं कि नारी शक्ति ने एसटी के खजाने में बेतहाशा इजाफा किया. इस 09 महीनों में 1 करोड़ 33 लाख 93 हजार 538 महिलाओं ने यात्रा की. इनसे हर महीने एसटी प्रबंधन 3 करोड़, 90 लाख 79 हजार रुपए की कमाई कर रहा है.

बीते 09 महीने में एसटी 35 करोड़, 7 लाख 80 हजार से अधिक की कमाई कर चुका है. बसें पूरी तरह से महिलाओं से लबालब चल रही हैं. बाकी सवारियों को बैठने तक की जगह नहीं मिलती. अधिकारियों को अब और बसें चाहिए लेकिन फिलहाल आलाकमान की वजह से उन्हें वर्तमान बसों में ही गुजारा करना पड़ रहा है.

अन्य स्कीम पर भी फोकस

अधिकारियों के अनुसार किराए में 50 प्रतिशत की छूट देना मास्टर स्ट्रोक साबित हुआ है. आय बढ़ने के साथ ही अब प्रबंधन यात्रियों की सुविधाओं में भी इजाफे पर फोकस कर रहा है. वर्तमान में सभी बस चालकों को प्रशिक्षण देने के साथ ही उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए उनका सम्मान किया जा रहा है. प्रबंधन का कहना है कि ऐसा करने से सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी. साथ ही यात्री बिना किसी परेशानी के अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे. सुविधाओं की जांच के लिए आगामी समय में यात्रियों से फीडबैक भी लिया जाएगा.