Nagpur ST Bus Stand
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    नागपुर. सिटी में करोड़ों रुपयों के पचासों प्रोजेक्ट साकार किये गए हैं और कुछ साकार हो रहे हैं लेकिन यहां के एसटी स्टैंड गणेशपेठ की किस्मत नहीं बदल रही है. हालत यह है कि निधि के अभाव में जो विस्तार का कार्य चल रहा था वह भी 3-4 वर्षों से लटका हुआ है. आलानेताओं ने कई बार इसे एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित करने का दावा किया लेकिन दावा अभी तक तो खोखला ही नजर आ रहा है. तत्कालीन मविआ सरकार के समय कोरोना के चलते इस प्रोजेक्ट को निधि नहीं मिल पायी. उससे पहले तत्कालीन भाजपा सरकार के समय में नवीनीकरण और कुछ एक्सटेंशन वर्क के लिए 4 करोड़ रुपये मंजूर किये गए थे. कार्य शुरू भी किया गया था लेकिन आधा-अधूरा लटका दिया गया है.

    अधिकारियों का कहना है कि निधि नहीं मिलने के कारण कार्य अटका हुआ है. अब जब सत्तापलट हो गई है और वर्तमान सरकार ने अपना उद्देश्य अधूरे प्रकल्पों को पूरा करने के साथ-साथ विकास कार्यों पर जोर देना रखा है तो उपराजधानी के एसटी स्टैंड को भी अत्याधुनिक, भव्य व सर्वसुविधायुक्त बनाने के लिए निधि देनी चाहिए.

    चिढ़ा रहा बिना शीट का शेड

    हालत यह है कि एसटी स्टैंड की मुख्य इमारत के दाहिने साइड में एक्सटेंशन के लिए ढांचा तैयार किया गया. पिल्लर और छत का काम भी हो गया है लेकिन उसके बाद काम रुक गया है. दाहिने साइड में ही जहां से बसें निकलती हैं, वहां एक बड़ा शेड तैयार किया गया है. इसका भी लोहे का ढांचा पूरी तरह तैयार है और केवल शीट्स लगाना बाकी है. लेकिन एसटी प्रबंधन के पास इतना पैसा भी नहीं है कि वह तैयार शेड में शीट्स लगा सके. फिलहाल तो हड़ताल के कारण बहुत ही कम बसें चल रही हैं और यात्रियों की भीड़ भी कम है लेकिन जब पूरी तरह बस सेवा जारी रहती है तब यहां से करीब 1,000 फेरियां बसों की लगती हैं और हजारों की संख्या में यात्रियों की रेलमपेल लगी हुई होती है. तब बस स्टैंड में लोगों को बैठने और मौजूदा शेड के भीतर खड़े होने तक की जगह नहीं मिलती. मजबूरी में धूप में बाहर खड़ा होना पड़ता है. नया शेड यात्रियों की सुविधा के लिए ही तैयार किया जा रहा था लेकिन वह भी लटक गया है.

    जी-20 के प्रतिनिधियों के दिखाएं

    मार्च महीने में जी-20 देशों के प्रतिनिधियों का यहां आगमन होने वाला है. लगभग हर सप्ताह इसकी तैयारी के संदर्भ में नगर व जिला प्रशासन की हाईवोल्टेज बैठकें हो रही हैं. मंत्रालय स्तर के अधिकारी और मंत्री भी बैठकें ले रहे हैं. हाल ही हुई बैठक में निर्देश दिये गए हैं कि जहां-जहां जी-20 प्रतिनिधियों के जाने का कार्यक्रम है उस परिसर को ऐतिहासिक सजाया जाए. उन सड़कों को नया किया जाए. अगर दुनियाभर के देशों से आने वाले प्रतिनिधियों को यहां का एसटी स्टैंड देखने की इच्छा हो जाए तो वे भी यहां के हालात देख चकित जरूर रह जाएंगे. यहां मध्य भारत का सबसे अच्छा बस स्टैंड साकार हो सकता है. पहले तो यह भी कहा गया था कि बेंगलुरु की तर्ज पर बस स्टैंड तैयार किया जाएगा लेकिन नेताओं और अधिकारियों की इच्छाशक्ति के अभाव में जो तैयार है उसे भी सुविधायुक्त नहीं बना जा सका है. वहीं पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बेहद भव्य बस स्टैंड साकार भी कर लिया गया.