नागपुर. देश में चल रहे मंदिर-मस्जिद विवाद के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि ज्ञानव्यापी (Gyanvapi) के मुद्दे पर कहा कि, हम इतिहास बदल नहीं सकते। मुसलामानों के पूर्वज हिंदू थे। हमलावरों के जरिए इस्लाम (Islam) बाहर से आया था। उन हमलों में भारत की आज़ादी चाहने वालों का मनोबल गिराने के लिए देवस्थानों को तोड़ा गया था।
इतिहास को हम बदल नहीं सकते
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, “ज्ञानवापी का मुद्दा चल रहा है। इतिहास तो है जिसे हम बदल नहीं सकते। इसे न आज के हिंदुओं ने बनाया और न ही आज के मुसलमानों ने, ये उस समय घटा। हमलावरों के जरिए इस्लाम बाहर से आया था। उन हमलों में भारत की आजादी चाहने वालों का मनोबल गिराने के लिए देवस्थानों को तोड़ा गया।”
Issues raised over places in which Hindus have spl devotion.Hindus don't think against Muslims.Ancestors of today's Muslims were Hindus too. It was done to keep them forever devoid of independence&suppress morale. So Hindus feel they(religious places)should be restored: RSS chief
— ANI (@ANI) June 2, 2022
मुसलमानों के पूर्वज हिंदू थे
उन्होंने कहा, “जहां हिंदुओं की भक्ति है, वहां मुद्दे उठाए गए। हिंदू मुसलमानों के खिलाफ नहीं सोचते, मुसलमानों के पूर्वज भी हिंदू थे। यह उन्हें हमेशा के लिए स्वतंत्रता से दूर और मनोबल दबाने के लिए किया गया था, इसलिए हिंदुओं को लगता है कि (धार्मिक स्थल) को पुनर्स्थापित किया जाना चाहिए।”
अदालत के फैसले को स्वीकार करें
भागवत ने कहा, “मन में कोई मुद्दे हों तो उठ जाते हैं। यह किसी के खिलाफ नहीं है। इसे ऐसा नहीं माना जाना चाहिए। मुसलमानों को ऐसा नहीं मानना चाहिए और हिंदुओं को भी ऐसा नहीं करना चाहिए। कुछ ऐसा है तो आपसी सहमति से रास्ता खोजें। लेकिन हर बार रास्ता नहीं निकल सकता, जिसके कारण लोग अदालत जाते हैं और अगर ऐसा किया जाता है तो अदालत जो भी फैसला करे उसे स्वीकार करना चाहिए। हमें अपनी न्यायिक प्रणाली को पवित्र और सर्वोच्च मानते हुए फैसलों का पालन करना चाहिए। हमें इसके फैसलों पर सवाल नहीं उठाना चाहिए।”
ज्ञानवापी के प्रति हमारी भक्ति
RSS प्रमुख ने कहा, “कुछ जगहों के प्रति हमारी अलग भक्ति थी और हमने उसके बारे में बात की लेकिन हमें रोजाना एक नया मुद्दा नहीं लाना चाहिए। हमें विवाद को क्यों बढ़ाना? ज्ञानवापी के प्रति हमारी भक्ति है और उसी के अनुसार कुछ करना ठीक है, लेकिन हर मस्जिद में शिवलिंग की तलाश क्यों?”
We had spl devotion towards some places & we spoke about them but we shouldn't bring out a new matter daily. Why should we escalate the dispute? We have devotion towards #Gyanvapi & doing something as per that, it's alright. But why look for a Shivling in every masjid?: RSS chief
— ANI (@ANI) June 2, 2022
किसी भी प्रकार की पूजा का कोई विरोध नहीं
भागवत ने आगे कहा कि, “वह भी एक इबादत है, बाहर से आई है तो ठीक है लेकिन जिन मुसलमानों ने इसे अपनाया है उनका बाहर से कोई संबंध नहीं है। यह समझना चाहिए। अगर वे अपनी पूजा पद्धति को जारी रखना चाहते हैं, तो ठीक है। हमें किसी भी प्रकार की पूजा का कोई विरोध नहीं है, हम उन सभी को स्वीकार करते हैं और सभी को पवित्र मानते हैं। उन्होंने पूजा का वह रूप अपनाया हो सकता है लेकिन वे हमारे ऋषियों, मुनियों, क्षत्रियों के वंशज हैं। हम एक ही पूर्वजों के वंशज हैं।”
भारत सभी को जोड़ने के लिए अस्तित्व में
भागवत ने कहा, “क्या हम ‘विश्वविजेता’ बनना चाहते हैं? नहीं हमारी ऐसी कोई आकांक्षा नहीं है। हमें किसी को जीतना नहीं है। हमें सबको जोड़ना है। संघ भी सबको जोड़ने का काम करता है जीतने के लिए नहीं। भारत किसी को जीतने के लिए नहीं बल्कि सभी को जोड़ने के लिए अस्तित्व में है।”
कोई रूस को रोकने के लिए तैयार नहीं
उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर कहा, “नीति न हो तो सत्ता विकार बन जाती है। हम देख सकते हैं कि अभी रूस ने यूक्रेन पर हमला किया है। इसका विरोध किया जा रहा है लेकिन कोई भी यूक्रेन जाने और रूस को रोकने के लिए तैयार नहीं है क्योंकि रूस के पास शक्ति है और यह धमकी देता है। जो विरोध कर रहे हैं उनका भी कोई नेक इरादा नहीं है। वे यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति कर रहे हैं, यह ऐसा है जब पश्चिमी देश भारत और पाकिस्तान को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करते थे और अपने स्वयं के गोला-बारूद का परीक्षण करते थे। यहां कुछ ऐसा ही हो रहा है।”
Do we want to be 'vishvavijeta'? No, we have no such aspirations. We don't have to win anyone. We have to connect everyone. Sangh too works to connect everyone and not to win. India has existed to not win anyone but connect everyone: RSS chief Mohan Bhagwat, in Nagpur pic.twitter.com/2sO2rqFZEd
— ANI (@ANI) June 2, 2022
भारत ने न रूस का विरोध किया और न ही समर्थन
उन्होंने कहा, “भारत सच बोल रहा है लेकिन उसे संतुलित रुख अपनाना होगा। सौभाग्य से, इसने वह संतुलित दृष्टिकोण अपनाया है। इसने न तो हमले का समर्थन किया और न ही रूस का विरोध किया। इसने यूक्रेन को युद्ध में मदद नहीं की, लेकिन उन्हें अन्य सभी सहायता प्रदान कर रहा है। वह लगातार रूस से बातचीत के लिए कह रहा है।”
…तो युद्ध को रोक देते
RSS प्रमुख ने कहा, “यदि भारतीय पर्याप्त रूप से शक्तिशाली होते तो युद्ध को रोक देते लेकिन ऐसा नहीं कर सकते। इसकी शक्ति अभी भी बढ़ रही है, लेकिन यह पूर्ण नहीं है। चीन उन्हें क्यों नहीं रोकता? क्योंकि उसे इस युद्ध में कुछ दिखाई दे सकता है। इस युद्ध ने हम जैसे देशों के लिए सुरक्षा और आर्थिक मुद्दों को बढ़ाया है। हमें अपने प्रयासों को और मजबूत करना होगा और हमें शक्तिशाली बनना होगा। अगर भारत के हाथ में इतनी ताकत होती तो दुनिया के सामने ऐसी घटना नहीं आती।”