अपग्रेडेशन से बदलेगा मेडिकल का चेहरा, प्लेटिनम जुबली पर सरकार मेहरबान

Loading

  • 514 करोड़ के कुल प्रस्ताव 
  • 283 को मिली प्रशासकीय मान्यता 
  • 80 बेड का होगा पेइंग वार्ड 
  • 400 की क्षमता का गर्ल्स हॉस्टल 

नागपुर. शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व अस्पताल अपनी 75वीं वर्षगांठ मना रहा है. इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मेडिकल का चेहरा-मोहरा बदलने के लिए विविध प्रकल्पों को मंजूरी दी हैं. कुल 514 करोड़ के प्रस्ताव प्रस्तुत किये हैं. इनमें से 283 को अब तक प्रशासकीय मंजूरी मिल चुकी है. इससे मेडिकल के अपग्रेडेशन सहित नये विभागों का भी समावेश हैं.

अधिष्ठाता डॉ. रवि गजभिये ने बताया कि कॉलेज और अस्पताल की इमारत पुरानी हो गई है. अब जल्द ही विभागों सहित कॉलेज की इमारत के नवीनीकरण का कार्य शुरू होगा. वर्तमान में पेइंग वार्ड में 20 ही बेड है जबकि इसकी क्षमता को 80 तक करने के लिए नई इमारत तैयार की जाएगी. वर्तमान में कैजुअल्टी से ट्रामा सेंटर में जाने के लिए मरीजों को स्ट्रेचर पर ले जाया जाता है.

वाहनों का आवागमन दिनभर होने से कभी भी दुर्घटना की संभावना बनी रहती है. साथ ही बारिश के दिनों में दिक्कतें आती हैं. इसके लिए कैजुअल्टी से ट्रामा तक स्काई वॉक का प्रस्ताव तैयार किया गया था जिसे मंजूरी मिल गई है. जल्द ही निर्माण कार्य की शुरुआत होगी. 

28 मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर 

मेडिकल के चारों सुरक्षा दीवार बनाने, दुरुस्ती के लिए भी निधि मिली है. वर्तमान में लड़कियों की संख्या बढ़ी है. लेकिन हॉस्टल पुराने ही है. 400 क्षमता वाला नया गर्ल्स  हॉस्टल बनाया जाएगा. मॉड्यूलर ओटी भी मौजूदा जगह पर ही बनाई जाएगी. 11 कॉम्पलेक्स ऑपरेशन थिएटर सहित 28 आधुनिक मॉड्यूलर ओटी बनाई जाएगी. वर्तमान में मेडिकल में 120 बेड के आईसीयू है. सभी आईसीयू को आधुनिक बनाया जाएगा. कॉलेज इमारत के अपग्रेडेशन के लिए 33 करोड़ रुपये मिले हैं. वहीं हॉस्पिटल कॉम्पलेक्स के लिए 55 करोड़ रुपये मंजूर हुये है.

अस्पताल के मुख्य गेट को एम्स की तर्ज पर बनाया जाएगा. इसके लिए 2.5 करोड़ रुपये मिले हैं. 75 वर्ष की इमारत होने से बिजली व्यवस्था भी काफी पुरानी है. इसके लिए 18 करोड़ रुपये मिले हैं. जल्द ही सुधार का कार्य शुरू किया जाएगा. डॉ. गजभिये ने बताया कि मेडिकल में आने वाले मरीजों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही हैं. लोगों का विश्वास अब भी बना हुआ है. यही वजह है कि डॉक्टर भी बेहतरीन सेवा देने का प्रयास कर रहे हैं. स्नातकोत्तर की सीटें बढ़ने से मरीजों को फायदा ही होगा.