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  • 2024 तक एक साइबर सुरक्षा कक्ष स्थापित होगा बोले, गृह मंत्री फडणवीस

नवभारत डिजिटल डेस्क: डीपफेक (Deepfake) वीडियों और साइबर अपराध से जुड़े अन्य मामलों से महिलाओं की सुरक्षा (Women safety) इस समय बड़ी चिंता का विषय है। ऐसे में इस को लेकर राज्य सरकार क्या कदम उठा रही है। यह सवाल कांग्रेस विधायक वर्षा गायकवाड़ (Varsha Gaikwad) ने गुरुवार को नागपुर में चल रहे विधानमंडल (Assembly) के सत्र (Winter Session) में उठाया। उन्होंने इस तरह के अपराध से महिलाओं को बचाने के लिए ठोस नीतियों पर काम करने की मांग की। आइये जानते हैं डीपफेक और साइबर अपराध ने किस कदर सिलेब्रिटी और आम जनता को मुश्किल में डाल दिया है और हाउस में इसको लेकर क्या चर्चा हुई है।  

सेलिब्रिटी और आम नागरिक बन रहे शिकार (Varsha Gaikwad on Deepfake)
वर्षा गायकवाड़ ने कहा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानि एआई और डीपफेक प्रौद्योगिकियों के साथ छेड़छाड़ करके महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा है। हाल के दिनों में जहां प्रमुख अभिनेत्रियों, नागरिकों और यहां तक कि प्रधानमंत्री के वीडियो को मॉर्फ करके प्रसारित किया गया। वे वीडियो काफी समान दिखते हैं और असली और नकली को समझना मुश्किल है।  इसे रोका जाना बेहद जरूरी है। 

गतिशील साइबर सुरक्षा मंच बनाया जाएगा
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस सवाल के जवाब में कहा कि साइबर अपराध को रोकने के लिए एक गतिशील साइबर सुरक्षा मंच बनाया जाएगा। यह प्लेटफॉर्म बैंकों, एनबीएफसी और सोशल मीडिया साइटों को एकीकृत करेगा। बैंक खातों से चुराए गए पैसे या धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले पोस्ट से इस प्लेटफॉर्म के जरिए निपटा जाएगा। इस प्रोजेक्ट में दुनिया भर की 17 कंपनियां शामिल हैं। इसके लिए टेंडर जारी किया गया है। फडणवीस ने कहा कि यह प्लेटफार्म अप्रैल-मई 2024 तक तैयार हो जाएगा और इससे साइबर अपराधों पर अंकुश लगाया जा सकेगा। 

सिलेब्रिटी हुए डीपफेक का शिकार 
हाल के दिनों में कई सिलेब्रिटी डीपफेक का शिकार बने और ये मुद्दा चर्चा का विषय बन गया। आलिया भट्ट डीपफेक वीडियो का शिकार हुई हैं। आलिया के पहले ‘एनिमल’ ऐक्ट्रेस रश्मिका मंदाना (Rashmika Mandanna) का वीडियो एडिट कर डीपफेक किया गया था। उनके बाद कटरीना कैफ (Katrina Kaif), काजोल (Kajol) और प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) भी डीपफेक वीडियो का शिकार हुई थीं।

खुद प्रधानमंत्री भी जता चुके हैं चिंता 
12 से 14 दिसंबर तक चलने वाला शिखर सम्मेलन में पीएम ने कहा कि डीप फेक पूरी दुनिया के लिए चैलेंज है क्योंकि इसका इस्तेमाल जानबूझकर झूठ फैलाने के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा, “एआई के कई सकारात्मक प्रभाव हैं, लेकिन इसके कई नकारात्मक प्रभाव भी हैं, जो चिंता का विषय है। एआई 21वीं सदी के विकास में सबसे बड़ा उपकरण बन सकता है। लेकिन यह 21वीं सदी को नष्ट करने में भी सबसे बड़ी भूमिका निभा सकता है। डीपफेक पूरी दुनिया के लिए एक चुनौती है।