दो दिन में सिन्नर शहर में ACB ने की दूसरी कार्रवाई, रिश्वतखोर पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरेस्ट

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सिन्नर: भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग (ACB) ने संबंधित मुख्य अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। कृषि पदाधिकारी को रिश्वत (‍Bribe) लेते गिरफ्तार (Arrested) करने की घटना ताजा है। यहां पिछले छह माह से रो हाउस बनाने की अनुमति अटकी हुई थी। इस योजना को मंजूरी देने के लिए रिश्वत की मांग की जा रही थी। लगातार दूसरे दिन सिन्नर शहर (Sinnar City) में रिश्वत लेने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाई चर्चा का विषय बनी हुई है। सिन्नर तहसील के कृषि अधिकारी और निफाड़ तहसील के अतिरिक्त प्रशासक अन्नासाहेब हेमंत गागरे, जिन्होंने कृषि विभाग से सब्सिडी प्राप्त करने के लिए उद्यमी से पांच हजार की रिश्वत ली थी, उन्हें दो दिन पहले हिरासत में लिया गया था। इसी प्रकार एसीबी ने सिन्नर नगर परिषद के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी को भी रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। 

एसीबी के मुताबिक, सिन्नर नगरपालिका का रिश्वत लेने वाला पूर्व मुख्य अधिकारी का नाम संजय केदार है। केदार ने पांच रो हाउस के लिए पांच हजार रुपए रिश्वत की मांग की। इस बारे में एसीबी में किसी ने शिकायत दर्ज कराई थी। उसके बाद एसीबी ने जाल बिछाया और केदार को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया है। 

विवादास्पद पुलिसकर्मी बर्खास्त

वहीं, कार चालक को रोककर उससे साढ़े तीन लाख रुपए की उगाही करने के मामले में पुलिसकर्मी को जांच के बाद पुलिस महकमे से निकाल देने की कठोर कार्रवाई की गई है। बर्खास्त पुलिस कर्मी का नाम मयूर अपरसिंह हजारी (बक्कल नं. 2708) है। हजारी 10 वर्ष पूर्व पुलिस दल में भर्ती हुए थे। इसके बाद वह कई कारणों से विवादों में घिरे रहे। वर्तमान में उनको मुख्यालय से संलग्नित किया गया था, लेकिन अब जांच के बाद सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। इस संदर्भ में आदेश पुलिस आयुक्त अंकुश शिंदे ने दिया है। 6 माह पूर्व हजारी ने तपोवन परिसर में निफाड के एक कृषि दवा विक्रेता को रोका था। इसके बाद उससे गैरकानूनी रूप से साढ़े तीन लाख रुपए वसूले थे। मयूर हजारी द्वारा बिना किसी कानूनी कार्रवाई के व्यापारी को धमकाकर यह रकम वसूलने की शिकायत पुलिस कमिश्नर को मिली थी। इसके बाद पुलिस विभाग के आस्थापना विभाग की ओर से जांच की गई। इसमें मयूर हजारी द्वारा अपराध करने की जानकारी सामने आई। इसके बाद पुलिस कमिश्नर शिंदे ने यह कार्रवाई की। मयूर हजारी ‘पुलिस बॉइज’ हैं, जो 2014 में नासिक पुलिस में भर्ती हुए थे। उसका भाई भी पुलिस में है। मयूर की कार्यप्रणाली शुरू से विवादास्पद है। हजारी को दो बार सेवा से निलंबित किया गया है। हजारी की बर्खास्तगी के आदेश में ‘आपराधिक प्रकरण में शामिल होने, धमकाने जैसी प्रवृत्ति पुलिस विभाग के असल उद्देश्य को खतरा साबित होने की बात कही गई है।