Camels

Loading

नासिक: राजस्थान (Rajasthan) से हैदराबाद (Hyderabad) की ओर जा रहे करीब 90 ऊंटों (Camels) का काफिला तस्करी के लिए पहुंचने के संदेह को लेकर नासिक (Nashik) में बीती रात को रोका गया। पशु प्रेमी तथा ऐनिमल वेलफेयर ऑफिसर के नासिक जिला प्रतिनिधि की दक्षता के बाद संबंधित उंट पांजरापोल के जंगलों में रखे गए हैं। इस दौरान दो ऊंटों की पानी के अभाव में मौत होने की बात कही जा रही है। इन ऊंटों देखने के लिए शहरवासियों की सड़कों पर भीड़ लगी थी। परिणामस्वरूप पुलिस ने बंदोबस्त तैनात किया। राजस्थान से हैदराबाद की ओर 80 से 90 ऊंटों का काफिला महाराष्ट्र के धुलिया, नंदूरबार, साक्री, सटाणा में नागरिकों को देखने को मिला। 

इस दौरान कुछ दक्ष नागरिकों ने संबंधित ऊंट तस्करी के लिए जाने की आशंका जताई, लेकिन इतने सारे ऊंट एक साथ होने के कारण उसे कोई रोकने के लिए तैयार नहीं था। इस दौरान, पशु प्रेमी और एनिमल वेलफेयर ऑफिसर (मुंबई हायकोर्ट) नासिक जिला प्रतिनिधि पुरुषोत्तम आव्हाड को इसकी सूचना मिलने के बाद उन्होंने जिलाधिकारी कार्यालय, पुलिस प्रशासन और महानगरपालिका के साथ पत्राचार किया। ऊंट तस्करी के लिए जाने की जानकारी दी, जिसे ध्यान में रखकर जिलाधिकारी ने ऊंटों को पांजरापोल के जंगल में सुरक्षित लेकर जाने के आदेश दिए। 

ऊंटों का काफिला देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी 

इसके बाद मंगलरूप गौशाला सेवा ट्रस्ट की टीम तपोवन में दाखिल हुई। उन्होंने ऊंटों को अपने कब्जे में लिया। तपोवन, उपनगर, अशोका मार्ग, राजीव नगर परिसर से ऊंटों को अंबड औद्योगिक वसाहत के पास पांजरपोल में पहुंचाया गया। यह कार्रवाई देर रात तक चलती रही। अचानक इतनी बड़ी संख्या में ऊंटों का काफिला देखने के लिए नागरिकों की भीड़ लगी रही। इससे बड़े पैमाने पर ट्रैफिक जाम की समस्या निर्माण हुई।

ऊंटों का काफिला धुलिया, नंदुरबार, साक्री, सटाणा से गुजरते समय यह तस्करी के लिए जाने का संदेह नागरिकों को हुआ। इस संदर्भ में जांच करने पर ऊंटों के काफिले के साथ चल रहे 40 लोगों ने अलग-अलग जवाब दिए। इससे संदेह निर्माण हुआ। संबंधित लोगों पर कुछ प्रवृत्तियों का हाथ होने के कारण शुरुआत में प्रशासन ने हमें कोई सहयोग नहीं किया। इसलिए हमारी टीम ने सांसद मेनका गांधी से संपर्क किया। गांधी ने तत्काल कार्रवाई प्रारंभ की। इसके बाद प्रशासन हरकत में आया। पांजरपोल व्यवस्थापन से संपर्क करते हुए सभी ऊंटों उनके स्थान पर रखने का अनुरोध किया, जिसके लिए उन्होंने तत्काल सकारात्मक प्रतिसाद दिया।

- पुरुषोत्तम आव्हाड, पशुप्रेमी और एनिमल वेलफेयर ऑफिसर, प्रतिनिधि, नासिक