Bhujbal
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    नाशिक: नाशिक जिले के पालकमंत्री छगन भुजबल (Guardian Minister Chhagan Bhujbal) ने कहा कि गुरुनानक जयंती के अवसर पर केंद्र सरकार (Central Government) ने 3 कृषि कानून (Agriculture Law) रद्द कर दिए, जो स्वागत योग्य है। देश के विभिन्न जगहों पर हुए उपचुनाव में भाजपा (BJP) को हार (Loss) का सामना करना पड़ा। उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में होने वाले आगामी चुनाव को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। कोई भी निर्णय लेते समय सत्ताधारी देरी न करें। निर्णय जल्द से जल्द लिया होता तो हजारों किसानों की जान बच सकती थी। इसलिए यह निर्णय जल्द लेना चाहिए था। ठीक है, देर आए दुरुस्त आए। भुजबल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कृषि कानून रद्द करने की घोषणा करने के बाद नाशिक स्थित अपने कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। 

    उन्होंने कहा कि पिछले साल से किसान विरोधी कानून रद्द करने की मांग को लेकर महात्मा गांधी के अहिंसा मार्ग पर चलते हुए दिल्ली में किसान आंदोलन कर रहे थे। उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा सहित देश के किसान गर्मी, ठंड और बारिश की परवाह किए बगैर अपनी मांग को लेकर अड़े हुए थे। आंदोलन के दौरान कई किसानों की मौत हो गई, जो गलत था। सरकार को यह निर्णय जल्द लेना चाहिए था। देश में हुए किसान आंदोलन का पंजीकरण देश ही नहीं, बल्कि वैश्विक इतिहास में होगा। किसानों के अपना संघर्ष कायम रखने से केंद्र सरकार को नए कृषि कानून रद्द करने पड़े। 

    यह किसानों की एकजुटता की जीत 

    पालकमंत्री छगन भुजबल ने कहा कि यह किसानों की एकजुटता की जीत है। कोई भी निर्णय लेते समय सत्ताधारियों को देरी नहीं करनी चाहिए। निर्णय जल्द से जल्द न लेने पर इसके विपरीत परिणाम नागरिकों के साथ-साथ राजनेताओं पर भी होते हैं। इसका असर हाल ही में हुए उप चुनावों में भाजपा को देखने को मिला। आगामी यूपी सहित अन्य राज्यों के चुनावों में आने वाली समस्या को हल करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। आंदोलन में जो किसान शहीद हुए हैं, मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।