
नाशिक : वर्तमान (Present) में नाशिक (Nashik) में शीत लहर (Cold Wave) चल रही है और निफाड़ (Niphad) का पारा एक बार फिर गिरकर साढ़े आठ डिग्री पर आ गया है। नाशिक में भी तापमान (Temperature) गिरकर 11.4 डिग्री के करीब पहुंच गया है। इसलिए नगरवासी ठिठुर रहे हैं। आने वाले महीनों में कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है।
निफाड़ की तलहटी से ठंडी हवाएं उत्तर से सीधे नाशिक की ओर चल रही हैं। निफाड तहसील के कुंडवाड़ी में गेहूं अनुसंधान केंद्र में मौसम विभाग में न्यूनतम तापमान 8.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। 18 दिसंबर को निफाड का न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। 19 दिसंबर को तापमान 10 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। अब 20 दिसंबर को निफाड़ का न्यूनतम तापमान 8.5 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। इसलिए, निफाड़ में ठंडा मौसम ऊफान पर है। जगह-जगह ठंड से बचाव के लिए अलाव जलाए जा रहे हैं। गर्म कपड़े पहने नागरिक गर्म भोजन की ओर बढ़ते दिखाई दे रहे हैं।
अंगूर की फसल को लेकर चिंता :
हर दिन मौसम बदल रहा है। ओलावृष्टि से निफाड़, लासलगांव, पिंपलगांव, बसवंत, ओझर, सायखेड़ा और चंदोरी प्रभावित हुए हैं। नागरिक कई जगहों पर आग लगा कर खुद को सैंक रहे हैं। कड़ाके की ठंड का असर मानव जीवन के साथ-साथ फसलों पर भी पड़ रहा है। इस ठंड से गेहूं और चने की फसल को फायदा हो रहा है। ऐसे में अंगूर की महंगाई पर असर पड़ने की आशंका है।
नागपुर भी चपेट में :
राज्य की दूसरी राजधानी नागपुर में पारा गिरकर 7.4 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। यह इस सीजन का सबसे कम तापमान दर्ज किया गया है। विदर्भ के अन्य शहरों में तापमान 10 डिग्री के आसपास है। विदर्भ में नागपुर सबसे ठंडा स्थान है और उत्तर से आने वाली हवाओं ने विदर्भ में शीत लहर पैदा कर दी है। मौसम विभाग ने कहा कि 24 दिसंबर तक ठंड का प्रकोप जारी रहने की संभावना है। इस साल नाशिक जिले में बारिश ने कोहराम मचाया। नाशिक भी भारी बारिश की चपेट में आ गया था। नांदगांव और मनमाड़ में भारी बारिश हुई। लाखों हेक्टेयर किसानों की फसल जलमग्न हो गई। दीपावली के बाद भी बारिश होती रही थी। ऐन साहित्य सम्मेलन से एक दिन पहले 2 दिसंबर को नाशिक में बारिश हुई थी। इसलिए संभव है कि आने वाले समय में ठंड और तेज होगी। जलवायु परिवर्तन के गंभीर परिणाम हो रहे हैं। इससे मौसम विज्ञानियों के लिए सटीक भविष्यवाणी करना मुश्किल हो गया है।