3% discount in the bill for paying water tax within a month

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    नासिक : नासिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation) सीमा क्षेत्र में लगभग 25 हजार व्यावसायिक नल कनेक्शन (Commercial Tap Connection) है। परंतु तकनीकी वजह से पानी का हिसाब नहीं लगता है। उपयोग किए गए पानी का पूरी तरह से रकम नहीं मिलती है। इसलिए अब स्मार्ट सिटी (Smart City) के अंतर्गत व्यावसायिक पानी (Commercial Water) का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को ऑटोमेटिक मोबाइल रीडिंग (Automatic Mobile Reading) के माध्यम से बिल भेजा जाएगा। इसके माध्यम से पानी की एक बूंद का हिसाब लेने में मदद मिलेगी। नासिक महानगरपालिका सीमा क्षेत्र में पौने दो लाख नल कनेक्शन है। इसमें से औद्योगिक वसाहत छोड़ 25 हजार नल कनेक्शन व्यावसायिक है। निवासी जल टैक्स की तुलना में व्यवसाय के लिए पानी का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को चार गुणा अधिक दर से बिल का भुगतान करना होता है। परंतु तकनीकी समस्या के चलते सभी उपभोक्ताओं से पानी की बूंद-बूंद का पैसा वसूल नहीं होता है। 

    इसलिए अब स्मार्ट सिटी के माध्यम से गावठाण परिसर में स्काडा प्रणाली का मीटर बिठाया जा रहा है। इसके अंतर्गत व्यावसायिक नल कनेक्शन होने वाले उपभोक्ताओं के मीटर का ऑटोमेटिक मोबाइल रीडिंग इस तकनीक से रीडिंग लेकर उपभोक्ताओं के मोबाइल पर बिल भेजा जाएगा। व्यावसायिक नल कनेक्शन की जगह पर होने वाले पुराने मीटर बदलकर वहां पर इलेक्ट्रॉनिक प्रो- मीटर बिठाए जा रहे है। इलेक्ट्रॉनिक मीटर के माध्यम से जितने पानी का उपयोग होगा, उतना ही बिल नियुक्त किए गए कर्मचारी के मोबाइल एप में मीटर का रीडिंग की स्वयंचलित पद्धति से दर्ज होगा। इसके माध्यम से समय और मनुष्यबल नियुक्त करने की जरूरत नहीं होगी। यंत्रणा कार्यान्वित होने के बाद 5 साल तक देखभाल और दुरुस्ती की जिम्मेदारी संबंधित संस्था की होगी। 

    ‘सेंट्रल स्काडा’ का जलापूर्ति पर नियंत्रण

    गावठाण परिसर में स्काडा तकनीक के माध्यम से पर्याप्त जलापूर्ति करने के लिए प्रक्रिया शुरू है। इसके लिए नागपुर स्थित में विश्वराज एन्व्हायरमेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को काम दिया गया है। इस संस्था के माध्यम से पंचवटी के 40 और बारा बंगला स्थित 50 दशलक्ष लीटर क्षमता के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर स्काडा मीटर बिठाया जाएगा। शहर के 179 जलकुंभ, 7 जलशुद्धीकरण केंद्र पर भी इसी तरह मीटर लगाया जाएगा। बारा बंगला स्थित केंद्रीय स्काडा सेंटर खड़ा किया जाएगा, जिसके माध्यम से 24 घंटे जलापूर्ति की जानकारी प्रमुख अधिकारियों के मोबाइल पर उपलब्ध होगी। साथ ही पानी की गुणवत्ता, पानी का मिट्टी मिश्रण प्रमाण, क्लोरीन का प्रमाण आदि की जानकारी मोबाइल पर मिलने वाली है।