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    येवला. जून की शुरुआत से ही राज्य में कई जगहों पर भारी बारिश (Heavy Rain) हो रही है। पिछले कुछ दिनों से येवला तहसील (Yewla Tehsil) में भारी बारिश हो रही है। इसलिए पूरे येवला तहसील में किसानों (Farmers) पर दोहरी बुवाई का संकट आ गया है। किसानों ने मांग की है कि सरकार किसानों को दोहरी बुवाई के लिए मदद करें। येवला तहसील में मानसून (Monsoon) के आने से पहले से ही बारिश हो रही है। 

    जून की शुरुआत में मानसून ने राज्य में प्रवेश किया। इसके बाद किसानों ने बेहतर बारिश की उम्मीद में बुवाई की शुरुआत की। यहां पिछले 12 से 15 दिनों से लगातार बारिश हो रही है। इसलिए बुवाई की गई भूमि की मिट्टी पानी ने खोद डाली है। ऐसे में जिन किसानों ने बुवाई कर दी है उन्हें दोहरी बुवाई का संकट झेलना पड़ रहा है।

    खरीफ की बुवाई की शुरुआत

    प्री-मानसून बारिश राज्य में मानसून की शुरुआत से पहले हुई थी। उसके बाद कई किसानों ने खेती पूरी होने के बाद खरीफ की बुवाई शुरू कर दी। बुवाई के लिए अपेक्षित नमी की मात्रा के कारण, कुछ किसानों ने मक्का, कपास, बाजरा और सोयाबीन की बुवाई की है। किसानों ने इसके लिए प्रति एकड़ 20,000 रुपये से 25,000 रुपये खर्च किए है।

    दोबारा बुवाई के लिए आर्थिक सहायता दें

    येवला तहसील में बारिश ने जोरदार प्रहार किया है। साथ ही दिन की भीषण गर्मी के कारण मिट्टी की नमी में कमी आई है। नतीजतन, तहसील के कई किसान दोहरी बुवाई के संकट का सामना कर रहे हैं। इससे किसानों को आर्थिक दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा है। अब किसान दोहरी बुआई के लिए राज्य सरकार से भारी आर्थिक मदद की मांग कर रहे हैं।