नाशिक महानगरपालिका चुनाव के लिए नए अधिकारी ही तय करेंगे प्रभाग रचना

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    नाशिक : पिछले छह महीने से नाशिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation) की ओर से महानगरपालिका चुनाव (Municipal Elections) की तैयारियां की जा रही है। कोरोना महामारी और ओबीसी आरक्षण के कारण महानगरपालिका चुनाव की तिथियां तय नहीं हो पाई। नाशिक महानगरपालिका के चुनाव कब होंगे, इसके बारे में अधिकृत घोषणा अभी तक नहीं की गई है, फिर भी नाशिक महानगरपालिका प्रशासन ने चुनाव की तैयारियां शुरु कर दी हैं। नाशिक महानगरपालिका के राजस्व विभाग के दो वरिष्ठ अधिकारियों का तबादला हो गया है और कहा जा रहा है कि शीघ्र ही नए अधिकारी का आगमन होने वाला है। यह भी चर्चा है कि अब नए अधिकारी ही प्रभाग रचना को अंतिम रूप देगा। 

    15 मार्च, 2022 से प्रशासक राज चल रहा

    हालांकि इस बात की जोरदार चर्चा है कि नगर निगम के राजस्व विभाग के दो वरिष्ठ अधिकारियों का तबादला कर नए अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। इसी बात को ध्यान में रखते हुए नाशिक महानगरपालिका में चर्चा है कि नए अधिकारी नए सिरे से प्रभाग रचना तैयार करेंगे। नाशिक महानगरपालिका में 15 मार्च, 2022 से प्रशासक राज चल रहा है। 2017 में नाशिक महानगरपालिका के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिला था। नाशिक महानगरपालिका चुनाव में बीजेपी के 66 पार्षद चुने गए। 

    साथ ही 2019 तक केंद्र और राज्य में बीजेपी के सत्ता में रहने के कारण केंद्र सरकार की ओर से बड़ी मात्रा में फंड लाने का प्रयास किया गया। सतीश कुलकर्णी जब महापौर थे, तब उन्हें केंद्र सरकार से नमामि गोदा परियोजना के साथ-साथ केंद्र सरकार से हजारों करोड़ आईटी पार्क, लॉजिस्टिक्स पार्क परियोजनाएं मिली हैं, उनका भूमिपूजन केंद्रीय मंत्री द्वारा किया गया है। वहीं दूसरी ओर नाशिक महानगरपालिका के भूखंडों को बीओटी के आधार पर रणनीतिक स्थानों पर विकसित करने का निर्णय लिया गया है। 

    2019 में राज्य में हुए विधानसभा चुनाव के बाद महा विकास अघाड़ी सरकार कई राजनीतिक घटनाक्रमों के बाद सत्ता में आई, इसके चलते यह आरोप लगाया गया कि भारतीय जनता पार्टी का काम प्रशासक के माध्यम से होता था। इस बीच, अब फिर से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सत्ता में हैं और भारतीय जनता पार्टी दावा कर रही है कि विकास कार्यों में देरी होगी, जिसके कारण भारतीय जनता पार्टी दावा कर रही है। 

    चार सदस्यीय वार्ड बनाने के आदेश दिए गए

    महा विकास अघाड़ी सरकार के दौरान, आगामी चुनावों के लिए नाशिक महानगरपालिका में नगरसेवकों की संख्या 11 से बढ़ाकर 122 से 133 कर दी गई थी। चार सदस्यीय वार्ड संरचना को रद्द कर तीन सदस्यीय संरचना के अनुसार चुनाव कराने का निर्देश दिया गया। प्रशासन ने भी तदनुसार कार्रवाई की, उसके बाद राज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ है। चार सदस्यीय वार्ड बनाने के आदेश दिए गए थे। 2017 में बढ़ी हुई संख्या को कम करने और चुनाव कराने का भी निर्देश दिया गया। कोर्ट की ओर से अभी अंतिम फैसला नहीं आया है, लेकिन आगे क्या होता है। यह देखना दिलचस्प होगा।

    पिछली बार तीन सदस्यीय वार्ड का गठन किया था

    नाशिक महानगरपालिका में उप समाहर्ता स्तर के दो वरिष्ठ अधिकारी राजस्व विभाग से हैं। चूंकि उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा था और इन दो उप-कलेक्टर स्तर के अधिकारियों में से एक ने पिछली बार तीन सदस्यीय वार्ड का गठन किया था। इसलिए उप जिला अधिकारी स्तर के इन दो अधिकारियों को बदलने के लिए आंदोलन शुरू हो गया है। इससे नाशिक महानगरपालिका में जोरदार चर्चा है कि जो भी आएगा उसके नेतृत्व में भी नई प्रभाग रचना की जाएगी।