नाशिक : ठाणे से मानकोली के बीच यातायात (Traffic) व्यवस्था सुचारू न होने की वजह से नाशिक-मुंबई महामार्ग (Nashik-Mumbai Highway) की यातायात बहुत ही मुश्किल हो गया है। इस मार्ग पर वाहनों का घंटों जाम लगा रहता है। इस संदर्भ में एडवाइटेंज नाशिक फाउंडेशन अर्थात प्रधानमंत्री कार्यालय से मदद मांगी थी, लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय (Prime Minister’s Office) की ओर से इस बारे में कोई मदद न मिलने के कारण यातायात व्यवस्था ज्यों कि त्यों पड़ी हुई है। अंजुर फाटा मार्ग के गोदाम, भारी वाहनों की बढ़ती संख्या, भिवंडी टर्न रोड पर बंद टोल बूथ की रुकावट आदि समस्याएं हैं। मजीवड़ा-वडपे को फोर-लेन फेज को आठ-लेन बनाने का काम करीब 10 वर्ष से अधर में लटका हुआ है।
प्रधानमंत्री के पास शिकायत करके नहीं बदले हालात
प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत करने के बावजूद नाशिक फर्स्ट ने हाईकोर्ट में हाईवे की स्थिति में सुधार न होने के कारण ट्रैफिक जाम और गड्ढों को लेकर शिकायत दर्ज कराने का फैसला किया है। फोर-लेन हाईवे से तेज की गई नाशिक-मुंबई यात्रा ठाणे, भिवंडी इलाकों में गड्ढों और भारी ट्रैफिक जाम से बाधित हो गई है। इस मार्ग से रोजाना हजारों वाहन गुजरते हैं। ठाणे पार कर भिवंडी मंच नाशिक से मुंबई से नाशिक आने वालों के लिए चुनौती बन गया है। हाल ही में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे इसी रास्ते से नाशिक आए थे। उन्होंने हाईवे की बदहाली को देखते हुए इसे तत्काल ठीक करने के निर्देश दिए थे। नाशिक और मुंबई के बीच 150 किमी की यात्रा में लगभग चार घंटे ही लगने चाहिए लेकिन यातायात जाम की रहने वजह से नाशिक से मुंबई सड़क यातायात पूरा करने में छह से सात घंटे लग जाते हैं।
अपनी जिम्मेदारी से किनारा लिया
प्रधानमंत्री कार्यालय को इस मुद्दे को देखने और हल करने के लिए कहा गया था, यह भावना व्यक्त करते हुए कि राजमार्ग विकास प्राधिकरण ने इस शिकायत का धीमा जवाब देकर अपनी जिम्मेदारी से किनारा कर लिया है, इससे पहले इस मुद्दे को सुलझाने के लिए स्थानीय विधायकों और जनप्रतिनिधियों से बात की गई थी। हालांकि, उनकी ओर से पत्र का कोई आसान जवाब नहीं दिया गया।
वाहन चालकों का कहना है कि यातायात सुचारू रखने के लिए कोई हाईवे या स्थानीय पुलिस नहीं है। नाशिक-मुंबई चौगुनी के लिए नाशिक प्रथम संगठन की ओर से बहुत अधिक अनुवर्ती कार्रवाई की गई थी। दोनों तरफ आठ लेन और टू-वे सर्विस रोड की व्यवस्था की जा रही है। मानसून के दौरान समानांतर सड़कों के क्षतिग्रस्त होने से राजमार्ग पर यातायात का भार बढ़ जाता है।
राजमार्ग की स्थिति में कोई बदलाव नहीं
राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण ने जवाब दिया। हाईवे की स्थिति में कोई बदलाव नहीं किया गया है। गोंडे से वडपे चरण की आठ परतें एक दशक से ठप पड़ी हैं। मार्ग पर बंद टोल बूथ यातायात में बाधा है। इस क्षेत्र की दुविधा को दूर करने के लिए अब हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी। -(अभय कुलकर्णी, प्रमुख, एडवांटेज नाशिक, फाउंडेशन)।