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नासिक: मावा दूध से बनता है और उस मावे से पेड़ा, बर्फी जैसी कई तरह की मिठाइयां बनाई जाती हैं। लेकिन त्योहारी (Festival) सीजन में मिठाइयों की मांग बढ़ जाती है। इसका फायदा उठाकर व्यापारी उपभोक्ताओं के गले में मिलावटी या नकली मावे की मिठाई (Fake Sweets) उतारने की कोशिश कर रहे हैं। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि बाजार में मिठाइयां शुद्ध मावे से बनी हैं। भले ही खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने पिछले कुछ दिनों में मिलावटी मावा और पनीर जब्त किया है, लेकिन उपभोक्ताओं को ऐसे उत्पाद खरीदते समय सावधान रहने की जरूरत है। 

त्यौहार पर मिलावट का खेल 
दशहरा-दिवाली त्योहारों के दौरान मिठाइयां बड़ी मात्रा में खरीदी जाती हैं। हाल ही में कई तरह की मिठाइयां सामने आई हैं। इसलिए स्वाद पसंद उपभोक्ता भी इन नई प्रकार की मिठाइयों को खरीदना पसंद करते हैं। लेकिन इसके साथ ही बाजार में मिलावटी मिठाइयां बनाने की मात्रा भी बढ़ गई है। मिठाइयां विशेषकर दूध दही से बनी सबसे अच्छी होती हैं। लेकिन मावे की मात्रा कम करके, अन्य प्रकार के आटे और रासायनिक पदार्थों का उपयोग करके मिलावटी मिठाइयां बाजार में बड़ी मात्रा में बेची जाती हैं। 

 

नकली मावा और पनीर जब्त 
नकली मावा बनाने वाले परराज्य से बताए जा रहे हैं। मिठाई दुकानदार उनसे मावा खरीदते हैं और उससे मिठाइयां बनाकर बेचते हैं। पिछले कुछ दिनों में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग लगातार कार्रवाई कर रहा है। मिलावटी मावे के साथ पनीर का बड़ा स्टॉक जब्त किया गया। इस विभाग के जालसाजों से संबंध होने की चर्चा हमेशा होती रहती है। लेकिन फिलहाल इस विभाग की 6 टीमें लगातार शहरी क्षेत्र में खाद्य पदार्थों की जांच कर रही हैं। जहां बड़े होटलों, खुले खाद्य पदार्थों की जांच की जा रही है, वहीं मिठाई दुकानों के सामानों की भी जांच की जा रही है। 

मिलावटी मिठाइयों और मावे की पहचान ऐसे करें
* मिठाई या खोवा को हथेली पर लेकर मसल लें। यदि यह तैलीय है या सूखने के बजाय बदबू दे रहा है तो इसे मिलावटी मान लें। 

* मिठाई का टुकड़ा मुंह में डालते ही यदि उसमें तैलीय पन लगे तो समझना चाहिए कि वह मिलावटी है। 
* मीठी या खट्टी क्रीम पर टिंचर आयोडीन की दो बूंदें डालें। चूंकि यह मिलावटी नहीं है इसलिए इसका कोई असर नहीं होगा। यदि यह मिलावटी है तो बूंद का क्षेत्र काला हो जाएगा। 
* मिठाई या मावा पर हाइड्रोक्लोरिक एसिड डालें। यदि मावे का रंग बैंगनी हो जाता है, तो यह साबित हो जाएगा कि उस मावे में माउंटानिल रसायन का उपयोग किया गया है। 
* मिलावटी मिठाई खाने से कुछ देर में ही जी मिचलाना, उल्टी और दस्त शुरू हो जाते हैं। 
* मिलावटी मिठाइयों में मैदा या अन्य आटे का इस्तेमाल किया जाता है, जो शुद्ध खोवा से नहीं बल्कि आधा बनाया जाता है। इसमें कुछ रसायनों का भी प्रयोग किया जाता है। तो इसमें चावल जैसा चिपचिपापन आ सकता है। साथ ही नकली खाने में चीनी की मात्रा भी खराब हो जाती है। इसलिए नकली मिठाइयां स्वादिष्ट नहीं होतीं। 

फैरन करें शिकायत 
एफडीए के संयुक्त आयुक्त, विवेक पाटिल का कहना है कि मिलावटी मिठाइयों की जांच करने और नियमित आधार पर कार्रवाई करने के लिए शहर में छह टीमें काम कर रही हैं। लगातार जांच चल रही है। उपभोक्ताओं को मिठाई खरीदते समय सावधानी बरतनी चाहिए। अगर कोई शिकायत हो तो तुरंत एफडीए से संपर्क करें।