नाशिक जिला अस्पताल में हड्डी मरीजों के लिए कर्मचारियों ने लगाया यह ‘जुगाड़’, पढ़ें डिटेल्स

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    नाशिक: हड्डी रोग के परेशान मरीजों को बेड पर शरीर को ज्यादा हिलाना-डुलाना न पड़े, इसलिए वजन मापने की मशीन लगाने की जरूरत पड़ती है, लेकिन नाशिक के जिला अस्पताल (Nashik District Hospital) में वजन मापी मशीन की व्यवस्था नहीं है। इस कमी को दूर करने के लिए तात्कालिक व्यवस्था के रूप में पानी से भरे प्लास्टिक के कैन (Plastic Cans) को वजन मापी मशीन के रूप में उपयोग किया जा रहा है। लगातार 3 वर्षों से कायाकल्प के लिए 50 लाख रुपए का पुरस्कार प्राप्त करने वाले नाशिक जिला अस्पताल की इस अव्यवस्था पर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है। 

    अस्पताल की दूसरी मंजिल पर पुरुष शल्य चिकित्सा विभाग है, जहां दुर्घटना के शिकार भर्ती हैं। हादसों की संख्या ज्यादा होने के कारण अस्पताल में अधिक मरीज भर्ती हैं, इसलिए इस विभाग में 27 बेड अपर्याप्त है। इसके अलावा हर रोगी को कभी-कभी 15 दिन से लेकर एक महीने तक अस्पताल में रहना पड़ता है। मरीजों की संख्या बढ़ने पर उन्हें दूसरे वार्ड स्थानांतरित किया जाता है। दुर्घटनाग्रस्त मरीज की सर्जरी के बाद संबंधित रोगी के अंगों का वजन किया जाता है, लेकिन वजन मापने की मशीन अस्पताल में नहीं है, इसके लिए प्लास्टिक कैन का उपयोग किया जा रहा है।

    मरीजों को करना पड़ रहा परेशानी का सामना

    पैर और घुटने की सर्जरी वाले मरीजों के लिए कमोडिटी टॉयलेट की व्यवस्था की जानी चाहिए। हालांकि पुरुष शल्य चिकित्सा विभाग में इस शौचालय की हालत खस्ता है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती पवार के जिले के बावजूद सिविल अस्पताल में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ जहां अस्पताल में कामकाज को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर प्रशासन द्वारा सुविधाओं की अनदेखी किए जाने से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।