Dada Bhuse

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नासिक: पालकमंत्री दादा भुसे (Guardian Minister Dada Bhuse) ने कहा कि अल नीनो तूफान के चलते निर्माण होने वाली संभावित जल किल्लत (Water Shortage) को देखते हुए नियोजन करें। सबसे पहले पीने के पानी (Drinking Water) को प्राथमिकता (Priority) दें। इसके बाद गांव स्तर पर सूक्ष्म नियोजन करें। ऐसे निर्देश संबंधित विभाग प्रमुखों को दिए। वे जिलाधिकारी कार्यालय के मध्यवर्ती सभागृह में आयोजित जल किल्लत को लेकर आयोजित जायजा बैठक को संबोधित कर रहे थे।

इस समय नासिक महानगरपालिका के कमिश्नर डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार, अपर जिलाधिकारी बाबासाहब पारधे, उपवनसंरक्षक पंकज गर्ग, मालेगांव की अपर जिलाधिकारी माया पाटोले, जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. अर्जुन गुंडे, जिला अधीक्षक कार्यालय के कृषि अधिकारी विवेक सोनवणे, सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता सागर शिंदे, जिला जलसंधारण अधिकारी हरिभाऊ गीते, निवासी उपजिलाधिकारी भागवत डोईफोडे, उपजिलाधिकारी भीमराज दराडे, उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी रवींद्र परदेशी, जिला प्रशासन अधिकारी शाम गोसावी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। 

 खराब बोरवेल को ठीक कराएं

भुसे ने कहा कि जल किल्लत का नियोजन करते समय ग्राम पंचायत सदस्यों से लेकर सांसद तक, सभी जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लेकर जनता से जल बचत की अपील करें। साथ ही जिस क्षेत्र में जलापूर्ति योजना के कार्य 70 से 80 प्रतिशत पूर्ण हो गए हैं, उसे तुरंत पूर्ण करें, ताकि जल किल्लत के समय जलापूर्ति योजना का जनता को लाभ हो। इसके लिए प्रांत अधिकारी संबंधित विभाग का स्थानीय स्तर पर बैठक लेकर जरूरत के अनुसार नियोजन करें। पीने के पानी को प्राथमिकता दें। साथ ही वन क्षेत्र के पशुओं के लिए भी जरूरत के अनुसार पानी उपलब्ध कराएं। किल्लत के समय गांव स्तर पर रोजगार गारंटी योजना द्वारा नागरिकों को रोजगार उपलब्ध कराएं। इसके लिए अधिकारी कार्य की जगह पर पहुंचकर जायजा लें। खराब बोरवेल को ठीक कराएं। पानी की बर्बाद रोकने के लिए जनता में जनजागृति करें। अन्नधान्य और पशुसंवर्धन विभाग पशुओं को चारा उपलब्ध कराने के लिए नियोजन करें।

 टीमवर्क से विकासात्मक कार्य करें

भुसे ने कहा कि कृषि विभाग संभावित जल किल्लत के समय कम बारिश होने या देरी से बारिश होने पर कौन सी फसल लेना लाभदायक होगा, इस बारे में प्रस्ताव तैयार करें। स्वास्थ्य विभाग बढ़ती गर्मी से स्वास्थ्य पर होने वाले विपरीत परिणाम को ध्यान में रखते हुए सतर्क रहकर आवश्यक उपाय करें। संभावित किल्लत की ओर सकारात्मकता से देखते हुए टीमवर्क से विकासात्मक कार्य करें। बैठक की शुरुआत में नासिक महारनगरपालिका कमिश्नर डॉ. पुलकुंडवार, जिला परिषद के डॉ. गुंडे और सिंचाई विभाग के अधीक्षक अभियंता सागर शिंदे ने सादरीकरण से जल किल्लत को लेकर किए गए नियोजन की जानकारी दी।