नासिक: सार्वजनिक शांति को भंग करने वाली एक घटना 3 अप्रैल को नासिक (Nashik) उपनगरीय पुलिस स्टेशन की सीमा के भीतर हुई और यह सब सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करके उस कृत्य की प्रतिक्रिया का एक रूप था। विधायक देवयानी फरांदे (Devyani farande) ने मांग की कि पुलिस को गैरकानूनी भीडभाड करने, सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान, संगठित अपराध अधिनियम के तहत कार्रवाई करनी चाहिए। घटना की पृष्ठभूमि में विधायक फरांदे ने उपनगर में प्रेस वार्ता की। इस मौके पर वे बोल रही थीं।
फरांदे ने कहा कि एक समुदाय के खिलाफ चलाए गए सोशल मीडिया पेज पर खराब पोस्ट करने से भावनाएं आहत हुई हैं। उसके जवाब में एक और पोस्ट किया गया। इसके बाद 3 अप्रैल की रात को भीड़ जमा हो गई। उन्होंने पुलिस पर दबाव बनाया। नासिक-पुणे राजमार्ग को अवैध रूप से बंद कर दिया गया। निजी और सरकारी वाहनों में तोड़फोड़ की गई। पूर्व नियोजित दंगा कराने की कोशिश की गई। 3 अप्रैल की घटना सीसीटीवी में कैद हो गई, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस को इसकी जांच करनी चाहिए।
लोकसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में स्थानीय प्रशासन को कानून एवं व्यवस्था बनाये रखना चाहिए। यदि कार्रवाई नहीं की गई तो भीड़ का मनोबल बढ़ेगा। विधायक फरांदे ने पुलिस प्रशासन से इस खतरे पर ध्यान देने का आग्रह किया है। इस बीच पुलिस कमिश्नर संदीप कार्णिक को इस संबंध में एक ज्ञापन दिया गया है।