Shops remained closed in Nashik district, cricket played on the streets

    Loading

    नाशिक: लखीमपुर (Lakhimpur) में हुई घटना के विरोध में बुलाए गए महाराष्ट्र बंद (Maharashtra Bandh) को नाशिक शहर (Nashik City) के साथ पूरे जिले में अच्छा प्रतिसाद मिला है। और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए हर चौक पर पुलिस सुरक्षा तैनात कर दी गई थी। बंद के कारण स्कूल (School) भी बंद कर दिए गए। बाजार बंद होने से बस सेवाएं भी प्रभावित हुई।

    उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में किसानों की हत्या और अन्य घटनाओं का निषेध करने के लिए महाविकास आघाडी की ओर से सोमवार को महाराष्ट्र बंद की घोषणा की गई थी। नाशिक में इस घोषणा का पालन करते हुए शहर के विभिन्न मुख्य बाजार और दुकानों के साथ साथ अन्य कारोबार भी बंद रखे गए। जिला प्रशासन ने भी बंद के संदर्भ में सावधानी बरतते हुए बंदोबस्त लगा रखा था। किसी भी प्रकार की अप्रीय घटना ना हो इसके लिए मध्यरात्री से ही बाहरगांव जाने वाली बस सेवा को भी बंद कर दिया गया था। बंद के दिन बस सेवा को यात्रियों की ओर से कोई प्रतिसाद नहीं मिला इसलिए सेवा भी पूरी तरह से ठप दिखाई दी।

    औद्योगिक कंपनियों में काम चलता रहा

    बस सेवा को नागरिकों की ओर से कुछ खास प्रतिक्रिया नहीं मिली। बस सेवा निर्धारित समय से थोड़ी देर बाद शुरू हुई। बंद में कांग्रेस से जुड़े इंटैक कर्मचारियों के शामिल होने से राज्य परिवहन निगम का कामकाज कुछ हद तक प्रभावित हुआ। महाविकास अघाड़ी ने कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना और किसान मोर्चा के समर्थन से हड़ताल का आह्वान किया था। लेकिन औद्योगिक कॉलोनी को बंद के दौरान खुला पाया गया। मजदूर काम पर आए थे। शहर के सातपुर, अंबड और जिले के गोंडे, इगतपुरी, सिन्नर और दिंडोरी में श्रमिकों की संख्या कम थी लेकिन औद्योगिक कंपनियों में काम चलता रहा।

    खेती माल की नीलामी बंद रही

    नाशिक जिले में नाशिक, इगतपुरी दिंडोरी, चंदवाड़, सटाणा, पिंपलगांव बसवंत, निफाड़ येवला में कृषि उपज मंडी समिति ने भी बंद में भाग लिया और यहां खेती माल की नीलामी बंद रही। नाशिक कृषि उपज मंडी समिति में नीलामी नहीं होने के कारण इसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका यहां से गुजरात, मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई, मध्य प्रदेश और देश की विभिन्न मंडी समितियों को माल नहीं भेजा जा सका। जैसे ही किसानों ने बंद में भाग लिया, व्यापारी मंडी समिति में नीलामी के लिए गए सब्जियां और फल किसान वापस ले कर चले गए।

    सभी सेवाएं पूरे दिन बंद रही

    इस अवसर पर बोलते हुए नाशिक कृषि उपज मंडी समिति के अध्यक्ष देवीदास पिंगले ने कहा कि किसानों को दो दिन पहले बंद की सूचना दे दी गई थी। इसलिए इस स्थान पर कोई नीलामी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि जिले की अन्य मंडी समितियों के साथ-साथ नाशिक कृषि उपज मंडी समिति ने भी शत-प्रतिशत बंद में भाग लिया। आधी रात से शुरु हुए बंद के बाद नाशिक में पेट्रोल पंप, दूध ,मेडिकल दुकानों को छोड़कर अन्य सभी सेवाएं पूरे दिन बंद रही। वहीं नाशिक शहर में महानगरपालिका की सिटीलींक की बस सेवा भी धीमी गती से चलती रही। शहरों में सुबह आठ बजे के बाद कुछ हद तक यातायात शुरू हुआ, रिक्शा भी कम मात्रा में शुरू हुए।

    छोटे व्यापारियों ने दुकानें खुली रखी थी

    इस बंद की शुरुआत के बाद शहर के रविवार कारंजा, धुमाळ पॉईंट, भद्रकाली बाजार, और सिडको के पवन नगर, त्रिमूर्ती चौक, उत्तम नगर चौक, इंदिरा नगर चौक, सातपूर में सातपूर गांव के चौक को छोड कर जगहों पर छोटे सब्जी विक्रेता और छोटे व्यापारियों ने दुकानें खुली रखी थी। लेकिन इन चौकों में प्रचुर विक्रेताओं ने चौकों में दुकानें लगा कर अपना व्यवसाय शुरु रखा था। दुकाने बंद रखकर छोटे व्यापारी बाहर खड़े रहकर कारोबार करते दिखाई दिए। किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए चौक पर कड़ी पुलिस सुरक्षा तैनात की गई थी।

    इस अवसर पर बोलते हुए जिला संरक्षक मंत्री और एनसीपी नेता छगन भुजबल ने कहा कि जिले में बंद को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। उन्होंने कहा कि इस प्रतिक्रिया से नागरिकों में असंतोष है और बंद केवल किसानों के लिए है। उन्होंने राज्य में विपक्ष को सलाह दी कि भावनाओं को भड़काने के लिए कोई भी गलत बयान न दें। सोमवार को सुब्ह से ही नाशिक शहर और जिले के अन्य शहरों में महाविकास पक्षों के नेता और कार्यकर्ता दुकानों को बंद कराने और लखीमपुर कांड का निषेध करने के लिए निकल पड़े थे।