Village women will check water quality

  • जिला परिषद का ग्रामीण क्षेत्रों में जलजीवन मिशन
  • हर गांव में बनेगी 5 महिलाओं की टीम

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नाशिक. ग्रामीण क्षेत्रों (Rural areas) में अधिकांश स्थानों पर दूषित पानी की आपूर्ति होने से लोगों में बीमारी की आशंका बनी रहती है। इस साल भर की शिकायत के समाधान के रूप में 5 महिलाओं की एक टीम अब जलजीवन मिशन (jal jeevan mission) के तहत प्रत्येक गांव में पानी की गुणवत्ता पर नजर रखेगी। जिला परिषद ने इस अभियान में जिले के 15 तहसीलों की 1932 महिलाओं को शामिल किया है। हर गांव की 5 महिलाओं को गांव में पानी की गुणवत्ता जांचने की जिम्मेदारी दी गई है। इसलिए गांव के पानी को जांचने की जिम्मेदारी अब गांव वालों पर ही होगी। 

चयनित महिलाओं को किया जा रहा प्रशिक्षित 

जलजीवन मिशन के तहत लागू की गई इस योजना के तहत जिले की सभी ग्राम पंचायतों में चयनित महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। गांव की महिलाओं को गांव में पानी की गुणवत्ता की जांच करने के लिए फील्ड टेस्ट किट उपलब्ध कराई जा रही है। इस किट की मदद से ये महिलाएं पानी की गुणवत्ता की जांच कर सकेंगी और इसे तुरंत सिस्टम को रिपोर्ट कर सकेंगी। 

फील्ड टेस्ट किट कराई जा रही उपलब्ध 

जल और स्वच्छता मिशन सेल और जिला परिषद द्वारा इस पहल के लिए महिलाओं का चयन किया गया जा रहा है। इसके एक भाग के रूप में पहल के तहत चुनी गईं 1932 महिलाओं को शुक्रवार को जिले में ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया।  प्रशिक्षण में प्राथमिकता के मुद्दों में ‘फील्ड टेस्ट किट’, किट का उपयोग, पेयजल शोधन प्रक्रिया, जल गुणवत्ता और मानव स्वास्थ्य, जल संसाधनों की देखभाल आदि का निरीक्षण करना था। निरीक्षक सुरेश जाधव और जल गुणवत्ता सलाहकार भाग्यश्री बैरागी, रवींद्र बाराथे ने सभी को प्रशिक्षण दिया।

अच्छे स्वास्थ्य के लिए ग्रामीणों को सुरक्षित पीने के पानी की आपूर्ति करना आवश्यकता है। जलजीवन मिशन के तहत गांवों में शुद्ध पानी की आपूर्ति के लिए ग्रामीण स्तर पर महिलाओं के माध्यम से जल शोधन की निगरानी की जाएगी। इस पहल से ग्रामीणों के स्वास्थ्य को लाभ होगा।

-लीना बनसोड़, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद