Uddhav
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नई दिल्ली: विपक्ष के 15 राजनीतिक दलों के नेताओं ने वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए साझा रणनीति तय करने के लिए शुक्रवार को मैराथन बैठक की। इस बैठक में महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और शिवसेना (UBT) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) भी शामिल हुए। इस बैठक के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमारी विचारधारा एक अलग हो सकती है लेकिन देश एक है। इस देश को बचान के लिए और अखंडता को कायम रखने के लिए हम एक साथ आए हैं। इस बैठक में सभी पार्टियों ने फैसला लिया है कि अगला लोकसभा चुनाव वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ एकजुट होकर लड़ेंगे। विपक्षी दलों की अगली बैठक अगले महीने शिमला में होगी।   

देश की एकता, अखंडता बनाए रखने के लिए हम एक साथ

बैठक के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फरन्स में शिवसेना यूबीटी प्रमुख और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा, “हमारी विचारधारा एक अलग हो सकती है लेकिन देश एक है। देश की एकता, अखंडता बनाए रखने के लिए हम एक साथ आए हैं। इसके आगे हमारे प्रजातंत्र पर आघात करेगा उसका हम सब मिलकर विरोध करेंगे। जो भी देश में तानाशाही लाना चाहेगा उसके ख़िलाफ़ हम एक साथ रहेंगे। शुरूआत अच्छी रही है।”

सभी ने एक सुर में कहा- “हम एक हैं, हम मिलकर लड़ेंगे” 

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि अगली बैठक जुलाई महीने में हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में होगी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, ‘‘यह विचारधारा की लड़ाई है, हम एक साथ खड़े हैं, हमारे बीच थोड़ा-बहुत मतभेद हो सकते हैं, लेकिन हमें मिलकर काम करना है।” तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘हम एक हैं, हम मिलकर लड़ेंगे।”   

यह नेता हुए थे शामिल 

 इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने बैठक में भाग लिया। द्रमुक नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता महबूबा मुफ्ती, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी राजा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी और कुछ अन्य नेता इस बैठक में शामिल हुए।