6 thousand checks of electricity bill are being bounced every month

Loading

पुणे: पुणे सर्कल (Pune Circle) के तहत लगभग 98,500 से 99,000 बिजली उपभोक्ता (Power Consumer) प्रति माह 119 करोड़ 50 लाख रुपए के बिजली बिल (Electricity Bill) का भुगतान चेक (Check) के माध्यम से कर रहे हैं। इनमें से करीब 6,000 से 6,500 ग्राहकों के करीब 4 करोड़ 65 लाख रुपए के चेक विभिन्न कारणों से बाउंस हो गए हैं। ऐसा देखा जा रहा है कि पुणे शहर के 4 हजार 450, पिंपरी-चिंचवड़ के 1,050 और मुलशी, वेल्हे, हवेली, आंबेगांव, जुन्नर, खेड़ और मावल तहसील के लगभग एक हजार चेक हर महीने बाउंस हो रहे हैं।

चेक बाउंस होने के कारणों में गलत तिथि, जालसाजी, गलत हस्ताक्षर, गलत नाम, संबंधित खाते में राशि न होना आदि शामिल हैं। यदि कई बिजली बिलों का भुगतान अस्वीकृत चेक के माध्यम से किया जाता है, तो प्रत्येक बिजली बिल के लिए जुर्माना राशि और विलंब शुल्क लगाया जाता है। इसके अनुसार बैंक प्रशासन प्रत्येक बिजली बिल के लिए 750 रुपए का शुल्क और 1.25 प्रतिशत विलंब शुल्क अगले महीने के बिजली बिल में अन्य शुल्क के रूप में शामिल किया जा रहा हैं।

ईसीएस की सुविधा भी उपलब्ध

दूसरी ओर पुणे सर्कल में राज्य के 20 लाख निम्न दबाव उपभोक्ताओं में से अधिकांश द्वारा 600 करोड़ रुपए के बिजली बिलों का भुगतान ‘ऑनलाइन’ के माध्यम से सुविधाजनक और सुरक्षित रूप से किया जा रहा है। साथ ही हर माह बिजली बिल का भुगतान सीधे बैंक के माध्यम से करने के लिए ‘ईसीएस’ की सुविधा भी उपलब्ध है। 

बिजली बिल पर महावितरण के बैंक खाते का विवरण भी दिया जा रहा 

पुणे सर्कल के मुख्य अभियंता राजेंद्र पवार ने कहा कि पहले आरटीजीएस या एनईएफटी के माध्यम से बिजली बिल भुगतान की सीमा अधिक थी। अब यह सीमा घटाकर न्यूनतम 5 हजार रुपए कर दी गई है। इसके अनुसार इन ग्राहकों के 5 हजार रुपए से अधिक के बिजली बिल पर महावितरण के बैंक खाते का विवरण भी दिया जा रहा है।

महावितरण ने लोगों से की ये अपील 

बिजली उपभोक्ताओं को एक क्लिक से घर बैठे बिजली बिल का ‘ऑनलाइन’ भुगतान करने पर कुल 1.25 प्रतिशत, 500 रुपए की सीमा तक प्रत्येक माह के बिजली बिल का 0.25 प्रतिशत और शीघ्र भुगतान करने पर 1 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। क्रेडिट कार्ड को छोड़कर ‘ऑनलाइन’ माध्यम से बिजली बिल भुगतान निःशुल्क है। आरबीआई बैंक के भुगतान और निपटान अधिनियम-2007 के प्रावधान महावितरण की ऑनलाइन बिजली बिल भुगतान पद्धति पर लागू होते हैं। इसलिए महावितरण ने अपील की है कि अधिक से अधिक उपभोक्ता बिजली बिल का भुगतान चेक के बजाय ‘ऑनलाइन’ माध्यम से करें।