पिंपरी: पिंपरी-चिंचवड़ (Pimpri-Chinchwad) के चिंचवड़ (Chinchwad) स्थित मोहन नगर प्रवेश द्वार से मेहता अस्पताल तक सड़क का निर्माण कार्य (Road Construction) घटिया स्तर का है। इसको लेकर बार-बार शिकायत (Complaint) के बाद पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) ने सड़क की गुणवत्ता का तकनीकी निरीक्षण किया। इसमें पता चला कि ठेकेदार सड़क निर्माण में लापरवाही बरती है। इसके चलते संबन्धित ठेकेदार पर 8 लाख 3 हजार 567 रुपए का जुर्माना लगाया गया है। पूर्व नगरसेवक मारुति भापकर ने प्रेस कांफ्रेंस कर सड़क निर्माण कार्य में अनियमितता के साक्ष्य पेश किए।
मारुति भापकर ने बताया कि पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका की ओर से छत्रपति शिवाजी महाराज स्वागत कमान की ओर से मोहननगर से मेहता अस्पताल तक विकास योजना में 1 कि.मी. सड़क की कंक्रीटिंग का कार्य किया गया। इसके लिए 14 करोड़ 85 लाख 84 हजार रुपए का ठेका दिया गया।
कई शिकायतों के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
इंगवले पाटिल कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा प्रस्तुत इस कार्य की अवधि 16 जुलाई 2021 को 24 माह के लिए समाप्त कर दी गई थी। हालांकि समय सीमा बीत जाने के बाद भी सड़क का काम जारी है। इस देरी के कारण नागरिकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। बार-बार छोटे-छोटे हादसों, ट्रैफिक जाम, शोर, वायु प्रदूषण, बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित होने और बिजली गुल होने की शिकायतों के बावजूद क्षेत्र के निवासियों को परेशान किया गया है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
महानगरपालिका कमिश्नर से की गई थी शिकायत
अंतत: 30 अगस्त 2021 को इस सीमेंट कंक्रीट सड़क के निर्माण कार्य में गुणवत्ता की अनियमितता के संबंध में 9 बिन्दुओं के संबंध में कमिश्नर राजेश पाटिल के पास लिखित शिकायत दर्ज कराई गई। उनसे आमने-सामने मिलने के बाद शिकायत की गई। इस पर संज्ञान लेते हुए महानगरपालिका कमिश्नर ने विजिलेंस और कंट्रोल रूम से शिकायत की पुष्टि करने को कहा। बार-बार अनुवर्ती कार्रवाई के कारण, सतर्कता और नियंत्रण कक्ष के अधिकारियों, कार्यकारी अभियंताओं, परियोजना सलाहकारों, ठेकेदार प्रतिनिधियों और गुणवत्ता नियंत्रण प्रतिनिधियों ने साइट का निरीक्षण किया, हालांकि, यह देखा गया कि वे सभी ठेकेदार को बचाने की साजिश कर रहे थे। इस संबंध में कमिश्नर की फिर से शिकायत की गई।
काम में मिली काफी कमियां
महानगरपालिका कमिश्नर के आदेशानुसार 13 दिसम्बर 21 को पुन: स्थल का निरीक्षण किया गया। उस समय शिकायत के तौर पर उन्हें सारी तकनीकी खामियां दिखाईं। उनकी तस्वीरें, वीडियो रिकॉर्डिंग की गई और संबंधित द्वारा एक साइट निरीक्षण रिपोर्ट तैयार की गई और उस पर हस्ताक्षर किए गए। इसलिए इनमें से कुछ तथ्यों को सतर्कता और नियंत्रण समिति के समक्ष लाना पड़ा। सतर्कता एवं नियंत्रण कक्ष वार्ड ए के कार्यपालक अभियंता को अपनी अनुशंसाएं प्रेषित करता है। तद्नुसार कार्यपालन यंत्री ने ठेकेदार के बिल से 8 लाख 3 हजार 567 रुपए वसूल करने का आदेश दिया। जबकि पीक्यूसी को 300 मिमी मोटाई की आवश्यकता थी, यह कुछ स्थानों पर 200 मिमी पाया गया। कुछ स्थानों पर 270 मिमी और अन्य में 280 मिमी पीएलसी और जीएसबी में भी त्रुटियां हैं।
दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो
हालांकि महानगरपालिका द्वारा की गई यह कार्रवाई निरर्थक और धूल झोंकने जैसी है। यह कार्रवाई मामूली है और अधिकारी ठेकेदार को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। हमारी शिकायत में प्रशासन ने 9 बिंदुओं में से केवल एक पर ध्यान केंद्रित किया है। इस कार्रवाई से बिल्कुल भी मैं संतुष्ट नहीं हूं। कंक्रीट के काम की गुणवत्ता खराब हो गई है और कमिश्नर को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में तटस्थ विशेषज्ञ अधिकारियों की एक समिति नियुक्त करनी चाहिए ताकि इस मामले में पूरी जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।