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सांकेतिक तस्वीर

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  • मुझे माफ़ कर दो मां, मैं अच्छा लड़का नहीं बन सका

मुंबई: मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) के मुद्दे पर महायुति सरकार से मिले आश्वासन के बाद भी आत्महत्या का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मूल रूप से अकोला (Akola) में रहने वाले एक 19 वर्षीय युवक ने पुणे (Pune) के चाकन में आत्महत्या (Suicide) कर ली। परिवार वालों का दावा है कि मराठा आरक्षण न मिलने से निराश होकर अभय गजानन कोल्हे (Abhay Gajanan Kolhe) ने ख़ुदकुशी की है। इस घटना के बाद एक बार फिर मराठा आरक्षण का मुद्दा जोर पकड़ने लगा है।

 
डिप्टी सीएम अजित पवार गुट के विधायक अमोल मिटकरी ने कोल्हे परिवार से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी। उन्होंने कोल्हे की बहन की पढ़ाई का खर्च उठाने का आश्वासन दिया है। अभय का एक छोटा सा सुसाइड नोट मिला, जिसमें लिखा था कि “माफ करना मां… मैं अच्छा लड़का नहीं बन सका। अब मैं तुम्हें कभी तंग नहीं करूंगा. बाय बाय.

 
घर की आर्थिक स्थिति से परेशान
ऐसी रिपोर्ट है कि अभय कोल्हे घर की गंभीर आर्थिक स्थिति से परेशान था। उनके पिता की कोरोना में मौत हो गई थी। वह अपनी बीमार मां के इलाज और बहन की पढ़ाई की चिंता से ज्यादा परेशान था। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर अब तक 25 लोगों ने आत्महत्या की है। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आमरण अनशन करने वाले मनोज जरांगे पाटिल को राज्य सरकार ने फैसला लेने के लिए कुछ और समय मांगा है। जिसके बाद पाटिल ने 24 दिसंबर की डेडलाइन दी है।