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    पुणे: कसबा विधानसभा उपचुनाव (Kasba Assembly By-Election) के बीजेपी (BJP) पदाधिकारियों की बैठक में पूर्व सांसद संजय काकड़े (Former MP Sanjay Kakde) ने पूर्व पार्षदों और प्रत्याशियों को खूब खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में उनका ध्यान सभी पर रहेगा। काकड़े ने कहा कि पुणे महानगरपालिका का नामांकन इस आधार पर होगा कि किसके वार्ड में कितनी बढ़त मिली, जिसने काम नहीं किया और उम्मीदवारी हासिल करने के लिए नेताओं के आगे-पीछे घूमते रहे, उन चमचों को उम्मीदवारी नहीं देने देंगे। इस पर बोलते हुए पुणे जिले के पालकमंत्री चंद्रकांत पाटिल(Guardian Minister Chandrakant Patil) ने कहा कि नाना (काकड़े) परिवार में ‘सख्त मां’ की तरह व्यवहार कर रहे हैं।  

    पाटिल ने कहा कि हम सभी को एक साथ आना है और इस चुनाव को जीतना है। यह कहकर उन्होंने एकता का संदेश दिया। इस बैठक में शहर अध्यक्ष जगदीश मुलिक, संगठन महासचिव राजेश पांडेय, विधायक माधुरी मिसाल, पूर्व स्थायी समिति अध्यक्ष हेमंत रासने, पूर्व सदन नेता गणेश बिडकर, मंडल अध्यक्ष प्रमोद कोंढरे, महासचिव राजेश येनपुरे, शैलेश तिलक, युवा मोर्चा शहर अध्यक्ष राघवेंद्र मानकर, महिला मोर्चा शहर अध्यक्ष अर्चना पाटिल, कस्बा महिला मोर्चा अध्यक्ष अश्विनी पांडेय मौजूद रहे।

    दिल्ली से होगी उम्मीदवारों की घोषणा  

    पाटिल ने कहा कि राज्य में 40 निर्वाचन क्षेत्र ऐसे हैं, जहां चाहे कुछ भी हो बीजेपी के उम्मीदवार जीत जाते हैं। इसमें कस्बा भी शामिल है। सांसद गिरीश बापट ने पार्टी को मजबूत कर यह किला बनाया है। पाटिल ने कहा कि वे इस चुनाव में कम से कम 100 घरों का दौरा करेंगे। कार्यकर्ता भी अपने काम की योजना बनाएं। इस बीच, हम अपनी प्रक्रिया के अनुसार संभावित उम्मीदवारों के नाम केंद्र को अग्रेषित करेंगे। पाटिल ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि नामों की घोषणा दिल्ली से की जाएगी।

    चमचागिरी से नहीं मिलेगा टिकट, काम करिए 

    संजय काकड़े ने कहा कि इस निर्वाचन क्षेत्र के केवल एक वार्ड में 20,000 वोटों का बहुमत है। अन्य जगहों पर पार्षद कम मतों से चुने गए। इसलिए आपको चुनाव में ठीक से काम करना है। कुछ लोग उम्मीदवारी के लिए चमचागिरी कर रहे हैं, लेकिन इससे आपको उम्मीदवारी नहीं मिलेगी। उन्होंने इस चुनाव को जीतने के लिए सभी से साथ आने को कहा। मुलिक ने कहा कि गिरीश बापट की मजबूत पार्टी बिल्डिंग के कारण बीजेपी पांच बार जीती। आज भी वह अस्पताल से पार्टी का काम कर रहे हैं। सभी को बापट के आदर्श को अपनी आंखों के सामने रखकर कार्य करना चाहिए।