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    पिंपरी: स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत केबल इंटरनेट नेटवर्क (Cable Internet Network) का काम हासिल करने के लिए सुयोग टेलीमैटिक्स और फाइबर स्टोरी कम्युनिकेशंस इस भागीदार कंपनी द्वारा पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) को टेंडर प्रक्रिया के लिए जमा किया गया टाटा टेलीसर्विसेज का अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी है। यह चौंकाने वाला खुलासा करते हुए पूर्व नगरसेविका सीमा सावले ने मांग की है कि इस कंपनी के खिलाफ तत्काल आपराधिक कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही टेंडर प्रक्रिया को बेहद गैरजिम्मेदाराना तरीके से संचालित करने के कारण पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका  प्रशासन की भूमिका पर भी संदेह जताया है। 

    पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत करीब 600 किलोमीटर लंबा अंडरग्राउंड केबल इंटरनेट डक्ट तैयार किया गया है। इस नेटवर्क को लीज पर देने के लिए महानगरपालिका ने करीब 300 करोड़ रुपए का टेंडर जारी किया था। इसमें सुयोग टेलीमैटिक्स एंड फाइबर स्टोरी कम्युनिकेशंस प्रा ली इस भागीदार कंपनी ने हिस्सा लिया। टेंडर प्रक्रिया के नियम और शर्तों के मुताबिक कंपनी के पास अनुभव होना चाहिए। हालांकि, भले ही इन दोनों कंपनियों के पास कोई अनुभव नहीं है, लेकिन इन कंपनियों ने टाटा टेली सर्विसेज लिमिटेड के लिए काम करने के अनुभव का प्रमाण जोड़ा है।

    ठेकेदार के दस्तावेज हैं फर्जी

    सीमा सावले ने कहा कि टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी की शिकायत मिली थी, लेकिन पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका के कमिश्नर और प्रशासक ने इस पर ध्यान न देकर टेंडर को रफा-दफा करने का प्रयास किया। सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि शेखर सिंह, जो महानगरपालिका कमिश्नर और स्मार्ट सिटी के सीईओ हैं, ने कंपनी और उसके कार्यों का समर्थन किया है और उन्हें कार्य आदेश दिए हैं। कंपनी द्वारा प्रस्तुत किए गए फर्जी दस्तावेजों पर हमारे द्वारा बार-बार आपत्ति जताए जाने के बाद भी इसे सत्यापित नहीं किया गया। टाटा कंपनी द्वारा संलग्न अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी होने की बात अब सामने आई है और टाटा कंपनी ने लिखित पत्र में पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका को सूचित किया है। इससे कंपनी का फर्जीवाड़ा उजागर हो गया है।