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    पुणे: नगरसेवकों (Corporators) की वार्ड स्तरीय निधी (Fund) बंद होने से प्रभागों में अत्यावश्यक काम पेंडिंग (Pending) हैं।  इसके कारण वित्तीय समिति (Financial Committee) की बैठक में अत्यावश्यक काम करने के लिए क्षेत्रीय कार्यालयों को 162 करोड़ रुपए का निधी देने का निर्णय लिया गया है। हर वॉर्ड में एक करोड़ खर्च करने के लिए मंजूरी दी गई। इसके बारे में संबंधित क्षेत्रीय कार्यालयों को आदेश दिया गया है। 

    पुणे महानगरपालिका (Pune Municipal Corporation) के सभागृह की अवधि 14 मार्च 2022 को समाप्त हो गई। इसके बाद प्रशासक के रुप में महानगरपालिका कमिश्नर विक्रम कुमार की नियुक्ति की गई।  सदन का कार्यकाल समाप्त हो गया है और चुनाव नहीं होने के कारण महानगरपालिक कमिश्नर द्वारा पेश किए बजट पर ही अमल किया जा रहा है।  

    वॉर्डों के कई काम पेंडिंग

    स्थायी समिति के बजट में वॉर्डों के कामों के लिए नगरसेवकों को ‘फ` सूची द्वारा वॉर्ड स्तरीय निधि मिलती थी। इस निधि से अत्यावश्‍यक काम किए जाते थे, लेकिन प्रशासक की नियुक्ति से ‘फ` सूची पर रोक लगा दी है।  इससे निधि के अभाव से वॉर्डों के कई काम पेंडिंग पड़े हैं। 

     प्रमोद भानगिरे ने कमिश्नर को दिया था ज्ञापन

    वित्तीय समिति की बैठक के दौरान शिवसेना के पूर्व नगरसेवक प्रमोद भानगिरे ने कमिश्नर को ज्ञापन सौंपकर वॉर्ड में पेंडिंग और अत्यावश्‍यक कामों के लिए निधि उपलब्ध कराने की मांग की।  इस पर कमिश्नर विक्रम कुमार ने इसी बैठक में पांचों परिमंडल उपायुक्तों से बातचीत की।  इसके बाद हर वॉर्ड में एक करोड़ रुपए खर्च करने के लिए मंजूरी दी गई।  इसमें 25 लाख की निधि नागरिकों द्वारा सुझाए गए कामों के लिए और 75 लाख की निधि बजट के प्रस्तावित कामों के लिए खर्च करने के निर्देश दिए गए हैं। 

    शामिल गांवों को भी निधी का प्रावधान

    पुणे महानगरपालिका में शामिल गांवों में अत्यावश्‍यक कामों के लिए 30-30 लाख रुपए खर्च करने के लिए वित्तीय समिति ने मंजूरी दी है।  जिस क्षेत्रीय कार्यालय से संबंधित गांव जोड़ा गया है, उस क्षेत्रीय कार्यालय को गांवो में काम के लिए निधि खर्च करना है।  हालांकि, महानगरपालिका के 2022-23 बजट में शामिल गांवों में अत्यावश्‍यक कामों के लिए 30 करोड़ का प्रावधान है,  लेकिन यह निधि किस काम के लिए और किस विभाग को उपयोग में लाना है, यह निर्धारित नहीं है।