किसान आंदोलन से व्यापारियों को रोज हो रहा घाटा

  • सप्लाई चेन टूटी, ट्रांसपोर्ट और भंडारण का गणित बिगड़ा

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पुणे. दिल्ली (Delhi) में पिछले 3 सप्ताह से किसानों का आंदोलन जारी है. इससे पुणे (pune) के व्यापारियों का अलग-अलग तरह से काफी नुकसान (loss) हो रहा है. देश की राजधानी दिल्ली समेत उस परिसर से पूरे देश में अलग-अलग तरह के माल की सप्लाई की जाती है. उस सप्लाई में बाधाएं आने के कारण व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ी हैं.

हरियाणा, अलीगढ़, लुधियाना, मुरादाबाद, अमृतसर और हिमाचल प्रदेश के इलाकों से दिल्ली के द्वारा अथवा आसपास के इलाकों में खासकर कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (Consumer products) के लगभग 30 प्रतिशत माल की सप्लाई होती है. इनमें फल, ड्राई फ्रूट, गिफ्ट आइटेम, होटल वेयर, एल्युमिनियम, तांबा, पीतल, स्टील के नोवेल्टी प्रोडक्ट्स, मूर्तियां, गर्म कपड़े, स्वेटर, ब्लैंकेट, होजियरी आदि चीजें अथवा पदार्थों का समावेश है. लेकिन आंदोलन जारी रहने के कारण यह सप्लाई चेन टूट गई है. इसलिए ट्रांसपोर्ट में माल देरी से आ रहा है. इसलिए वस्तुओं की खरीदारी, उसका भंड़ारण और बिक्री में भी मुश्किलें आती हुई दिखाई दे रही हैं.

वस्तुओं के भाव भी बढ़ने लगे 

जानकारी के अनुसार, माल की ट्रांसपोर्टिंग में मुश्किलें आने के कारण अब व्यापारी जरूरत के अनुसार माल रेलवे अथवा लॉजिस्टिक कंपनियों के द्वारा मंगवा रहे हैं. हालांकि, इसके लिए ज्यादा भाड़ा देना पड़ता है, जिससे व्यापारी नाराज हैं. साथ ही, इस बढ़ोतरी का बोझ ग्राहकों पर ही आने से वस्तुओं के भाव भी बढ़ने लगे हैं.

पेट्रोल और डीजल की दरें भी बढ़ी 

माल आपूर्ति करनेवाली शृंखला तो टूट गई है, साथ ही पेट्रोल और डीजल की दरें भी बढ़ी हैं. इसलिए ट्रांसपोर्ट कंपनियों द्वारा ज्यादा भाड़ा मांगे जाने की जानकारी कुछ व्यापारियों ने दी. इसके अलावा, अन्य कुछ खर्च भी बढ़ने के कारण व्यापारियों को माल मंगवाते समय ज्यादा पैसे लगाने पड़ रहे हैं. इसलिए वस्तुओं की बिक्री करते समय भी उनकी कीमत ज्यादा लगाई जाती है, इसलिए ग्राहक नाराज हैं.