school van fire
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    पिंपरी: पिछले कुछ दिनों से बस में आग की घटनाएं दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं। इसी पृष्ठभूमि में पिंपरी-चिंचवड़ शहर में निजी स्कूल-कॉलेजों में चल रहे स्कूली बसों का फायर ऑडिट (Fire Audit) कराया जाना चाहिए। उक्त मांग करते हुए बीजेपी परिवहन मोर्चा के शहर अध्यक्ष दीपक मोढवे-पाटिल (Deepak Modhve-Patil) ने कहा कि छात्रों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिए। 

    इस संबंध में उन्होंने परिवहन विभाग के सहायक पुलिस कमिश्नर सतीश माने और पिंपरी-चिंचवड उप क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय अतुल आडे के उप क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को एक ज्ञापन दिया है।

    अनाधिकृत स्कूल वैन पर लगे रोक

    ज्ञापन में कहा गया है कि हाल ही में एसटी, निजी बस और शिवनेरी बस में आग लगने की घटना सामने आई है। इससे पहले अगस्त महीने में पुणे में एक स्कूल बस में आग लग गई थी। दिवाली की छुट्टियों के बाद शहर में स्कूल-कॉलेज फिर से शुरू हो गए हैं। जैसे-जैसे बसों और निजी कारों में आग की घटनाओं की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, अभिभावकों के साथ-साथ छात्रों में भी चिंता का माहौल है। अधिकांश स्कूलों में निजी ठेकेदारों द्वारा स्कूल बस सेवाएं प्रदान की जाती हैं। हालांकि स्कूल प्रशासन बसों की सुरक्षा को लेकर सतर्क है, लेकिन आग की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए स्कूल बस सेवा प्रदाताओं की जानकारी एकत्र करने और सभी बसों का ‘फायर ऑडिट’ कराने की कार्रवाई की जानी चाहिए। 

    स्कूल प्रशासन और परिवहन विभाग सतर्क रहे

    मोढवे ने कहा कि प्रत्येक बड़ी बस में कम से कम 25 से 30 छात्र सवार होते हैं। एक छोटी स्कूल वैन में आठ से 10 विद्यार्थी यात्रा करते हैं। हमारी मांग की है कि ऐसे में छात्रों की सुरक्षा को लेकर स्कूल प्रशासन और परिवहन विभाग सतर्क रहे। स्कूल बस यातायात नियम नीति के अनुसार सभी बसें अच्छी यांत्रिक और अन्य स्थिति में होनी चाहिए। स्कूल बस नियम और विनियम 2010 के तहत निर्धारित प्राधिकारी द्वारा प्रमाणित स्थिति होना अनिवार्य है। ये बसें पीले रंग की होंगी और बसों के आगे और पीछे मोटे अक्षरों में ‘स्कूल बस’ लिखा होना चाहिए। स्कूल बसें पंजीकरण से 15 वर्ष से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए। मुंबई में यह सीमा 8 साल है, जबकि सीएनजी बसों के लिए यह सीमा 15 साल है। हर बस में सेफ्टी बार, हैंड्रिल, आपातकालीन निकास, प्राथमिक चिकित्सा किट, अग्निशामक यंत्र की आवश्यकता होती है। कई स्कूलों में स्कूल वैन अवैध रूप से चलाई जा रही हैं। उन पर बैन लगाया जाए।