Banyan Tree

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    पुणे: हडपसर (Hadapsar) परिसर में करीब सौ वर्ष पुराने और खस्ताहाल स्थिति में मौजूद एक वटवृक्ष को (Banyan Tree) सातारा जिले (Satara District) में फिर से रोपण कर उसमें फिर बहार लाने की पहल सह्याद्री देवराई संस्था की ओर से की जा रही है। मनुष्यों और वृक्षों का अटूट रिश्ता बना रहें, इसके लिए यह उपक्रम होने जा रहा है।  सोमवार 14 फरवरी को दोपहर 4 से 6 बजे के दौरान म्हसवे (तहसील सातारा) इस पेड के साथ वैलेंटाइन डे (Valentine Day)भी मनाया जाएगा। 

    इस संदर्भ में विस्तार से जानकारी देते हुए सिने अभिनेता और देवराई संस्था के संस्थापक सयाजी शिंदे ने कहा कि इस पेड़ से दिक्कत होने के चलते इस पेड़ को एक व्यक्ति तोड़ना चाहता था।  यह वटवृक्ष करीब 100 वर्षों से भी अधिक आयु का है।  इस पेड़ के महत्व को देखते हुए हमने इस पेड़ को पूरी तकनीकी तरीके से वहां से हटाकर उसे म्हसवे में 26 जनवरी को रोपित किया। इस पेड़ को एक तरह से हमने जीवनदान दिया है। अब इस पेड़ के साथ वृक्षप्रेमी नागरिक, छात्र वैलेंटाइन डे मनाएंगे। 

     पुनर्रोपण के लिए 25 हजार रुपयों का खर्च आया 

    सयाजी शिंदे ने बताया कि इस पेड के पुनर्रोपण के लिए करीब 25 हजार रुपयों का खर्च आया है।  यह एक राष्ट्रीय वृक्ष है।  यह पेड फिर एक बार गुलजार हो उठेगा।  पानसरे नर्सरी (श्रीगोंदा) के संचालक बालासाहेब पानसरे ने इस वृक्ष के पुनर्रोपण के लिए पूरी प्रक्रिया का प्रबंधन किया।