Pimpri-Chinchwad

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पिंपरी: फर्जी कागजातों (Fake Documents) के आधार पर पार्टनर और किसान (Farmer) को अंधेरे में रखकर उनकी जमीन एनबीएफ (नॉन बैंकिंग फाइनांस) कंपनियों के पास गिरवी (Mortgage) रखकर 114 करोड़ रुपए का कर्ज (Loan) लेकर धोखाधड़ी (Fraud) की गई। पिंपरी-चिंचवड़ में उजागर हुए इस मामले में किसान और पार्टनर बिल्डर (Pimpri-Chinchwad) ने वाकड पुलिस से शिकायत की। वाकड पुलिस और आर्थिक अपराध शाखा ने इसे अदखलपात्र बताकर आरोपियों को क्लिनचिट दे दी। इस पर वादियों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया, तब अदालत के आदेश पर वाकड पुलिस ने मामला तो दर्ज कर लिया, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं और जांच में ढिलाई बरती। यह शिकायत वादी और उनके वकीलों ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में की।

शिवाजीनगर न्यायालय के आदेश पर वाकड पुलिस स्टेशन में एन्वायरंट डेवलपर्स प्रा. लि. के निदेशक जयंत वल्लभदास कनेरिया, मोहन पांडुरंग कलाटे, धीरजलाल गोरधनदास हंसालिया, मॉन्ट वर्ट बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड और नीरज कुमार एसोसिएट्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक निखिल वल्लभदास कनेरिया, नीरज जयंत कनेरिया, कुमार रंजीत निम्ह्न, पवन कंकलिया और एनबीएफ वित्तीय संस्था विस्त्रा आयटीसी इंडिया और मोतीलाल ओसवाल रियल इस्टेट इन्वेस्टर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में संजय पांडुरंग कलाटे (45) ने शिकायत दर्ज कराई है। हालांकि इसके बाद भी पुलिस कार्रवाई में ढिलाई बरत रही है, यह आरोप वादी के वकील एड. सत्यजीत काकडे, एड. किरण शिंदे, किसान पुत्र स्वप्निल कलाटे ने एक संवाददाता सम्मेलन में लगाया।

निदेशक के रूप में अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप

इस मामले के मुख्य आरोपी जयंत कनेरिया ने अपने ही बेटे और भाई के नाम पर मोन्ट वर्ट बोल्डर्स प्रा. लिमिटेड और नीरज कुमार एसोसिएट्स प्रा. लिमिटेड एन्वायरंट डेवलपर्स प्रा. लि. दो कंपनियों की स्थापना कर उन्हे निदेशक बनाया। सर्वे नंबर 277 में पैनोरमा प्रोजेक्ट के लिए 44.40 करोड़, सर्वे नंबर 195/1 और 196/3 में वेदांता प्रोजेक्ट के लिए 12 करोड़ 30 लाख रुपए की निधि जुटाने का प्रस्ताव तैयार किया। दोनों परियोजनाओं के लिए वित्तीय कंपनियां विस्त्रा और मोतीलाल ओसवाल कुल 56 करोड़ 70 लाख रुपए देने को राजी हुईं। जयंत कनेरिया ने निदेशक मोहन कलाटे और धीरजलाल हंसालिया के साथ मिलीभगत की और फर्जी प्रस्ताव बनाकर और विस्तारा और मोतीलाल ओसवाल वित्तीय कंपनियों के साथ दो प्रॉपर्टी गिरवी दस्तावेज बनाकर निदेशक के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया और 114 करोड़ रुपये का ऋण लिया।

जुलाई 2022 में पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई

जयंत कनेरिया ने अपने बेटे और भाई की दो कंपनियों में 57 करोड़ 90 लाख रुपए ट्रांसफर किए। इस मामले में निदेशक संजय पाडुरंग कलाटे और किसान वसंत कलाटे की सहमति के बिना दो परस्पर दस्तावेज निष्पादित किया। सर्वे नंबर 277 और सर्वे नंबर 195/1 और 196/3 में निदेशक जयंत कनेरिया, धीरजलाल हंसालिया और मोहन कलाटे से जब आय के विकास के बारे में पूछा गया। फिर डीड के अस्तित्व में आने के बाद से दोनों करारबंधक को निदेशक संजय कलाटे और किसान वसंत कलाटे से छिपा कर रखा गया। जानकारी देने से परहेज किया गया। संजय कलाटे ने जुलाई 2022 में पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई। हालांकि, पुलिस ने इस वित्तीय अपराध पर ध्यान नहीं दिया। इसके बाद उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिस पर कोर्ट ने निदेशक मंडल और वित्तीय संस्थानों के खिलाफ वाकड थाने में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। तदनुसार, संजय कलाटे की शिकायत पर निदेशक और वित्तीय संस्थान के खिलाफ मामला दायर किया है। हालांकि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।