नदी किनारे पेड़ों की कटाई के खिलाफ उतरी NCP, पुणे महानगरपालिका पर लगाया ये आरोप

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पुणे : नदी सुधार परियोजना (River Improvement Project) के नाम पर पुणे महानगरपालिका (Pune Municipal Corporation) ने नदी के किनारे के करीब साढ़े सात हजार पेड़ों (Trees) को काटने की तैयारी की है। इसके विरोध में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) की ओर से सोमवार को आंदोलन (Movement) किया गया। प्रशासन द्वारा नदी सुधार के नाम पर पेड़ों को मारने जा रहा है, यह निश्चित रूप से पुणे के लोगों के लिए अच्छा संकेत नहीं है। जिन पेड़ों को काटने का प्रस्ताव है, वे देशी पेड़ हैं। इन पेड़ों पर कई पक्षीयों का प्राकृतिक आवास है। इसलिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी इन पेड़ों की हत्या का कड़ा विरोध करती है, ऐसा स्पष्ट किया गया। 

इस मौके पर आंदोलन की भूमिका समझाते हुए शहर अध्यक्ष प्रशांत जगताप ने महानगरपालिका प्रशासन की जमकर आलोचना की। जगताप ने आगे कहा की, पुणे शहर का विकास भी किया जाना चाहिए। साथ में पर्यावरण की रक्षा भी की जानी चाहिए। बिना किसी वैज्ञानिक अध्ययन के इन पेड़ों को काटा जा रहा है। इसमें से कुछ ही पेड़ों को फिर से लगाया जाएगा। अगर उनका ठीक से पालन-पोषण नहीं किया गया, तो इसका कोई फायदा नहीं होगा। क्या महानगरपालिका प्रशासन इन सभी पेड़ों की सफलता सुनिश्चित करेगी? ऐसा सवाल भी जगताप ने उठाया। इस मौके पर पूर्व नगरसेविका दीपाली धूमाल, किशोर कांबले, नितिन कदम, अजिंक्य पालकर, मनोज पाचपुते सहीत सैकड़ों कार्यकर्ता ओर पदाधिकारी उपस्थित थे। 

एनसीपी प्रवक्ता प्रदीप देशमुख ने पेड़ पर चढ़कर जताया विरोध

पुणे के पर्यावरण को हो रहे नुकसान को रोकने के लिए एनसीपी ने पेड़ों की कटाई का कड़ा विरोध किया। इस मौके पर पार्टी प्रवक्ता प्रदीप देशमुख ने पेड़ पर चढ़कर अपना विरोध दर्ज कराया। देशमुख ने कहा की, इन सभी पेड़ों को फिर से लगाना असंभव है। हम भी विकास के समर्थक हैं लेकिन हमें पर्यावरण की कीमत पर विकास मंजूर नहीं है, ऐसा देशमुख ने कहा।