Ganeshotsav in Mumbai amid Corona crisis
File

    Loading

    पिंपरी: गणेशोत्सव (Ganeshotsav) के लिए गणेश मंडलों (Ganesh Mandals) को जारी किए जानेवाले लाइसेंस और परमिशन (Permissions) अब हर साल लेने की जरूरत नहीं रही क्योंकि पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका कमिश्नर और प्रशासक राजेश पाटिल ने लगातार 5 साल गणेशोत्सव मनाने वाले मंडलों को इस से साल से पांच साल की परमिशन देने की घोषणा की है। हालांकि ये परमिशन सरकार और महानगरपालिका प्रशासन द्वारा समय समय पर जारी किए जाने वाले नियमों और शर्तों के अधीन रहकर निजी जगह पर गणेशोत्सव मनानेवाले पारंपरिक सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों को दी जाएगी।

    गणेशोत्सव की पृष्ठभूमि पर महानगरपालिका कमिश्नर पाटील की अध्यक्षता में संबंधित महानगरपालिका विभागों के आला अधिकारियों की एक पूर्व नियोजन बैठक संपन्न हुई, जिसमें उपरोक्त निर्णय लिया गया। इस मौके पर अतिरिक्त आयुक्त विकास ढाकणे, शहर अभियंता मकरंद निकम, सह आयुक्त आशादेवी दुरगुडे, स्वास्थ्य और चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल रॉय, सह शहर अभियंता संजय कुलकर्णी, उप आयुक्त रविकिरण घोडके, स्वास्थ्य कार्यकारी अधिकारी गणेश देशपांडे, मुख्य सुरक्षा अधिकारी उदय जरांडे, आपदा प्रबन्धन अधिकारी ओमप्रकाश बहिवाल, मुख्य अग्निशमन अधिकारी किरण गावडे, जनता संपर्क अधिकारी किरण गायकवाड आदि उपस्थित थे।    

    इस वर्ष नहीं है कोई प्रतिबंध

    इस वर्ष प्रदेश में गणेशोत्सव बिना किसी प्रतिबंध के धूमधाम से मनाया जाएगा। पिंपरी-चिंचवड शहर में भी इस त्योहार की एक महान परंपरा है। महानगरपालिका की ओर से इस पर्व के अवसर पर शहर में विभिन्न सुविधाओं का प्रबंध किया जाता है। सार्वजनिक गणेश मंडल, अग्निशमन आदि जैसी विभिन्न अनुमति प्राप्त करने के लिए महानगरपालिका में आवेदन करते हैं। 

    हर साल करना पड़ता है आवेदन

    तदनुसार, सार्वजनिक गणेश मंडलों को विभिन्न अनुमतियां दी जाती हैं। इसके लिए गणेश मंडल के प्रतिनिधियों को लाइसेंस बनवाने के लिए हर साल महानगरपालिका कार्यालय में आवेदन करना पड़ता है। हालांकि इस साल, आयुक्त पाटिल ने पारंपरिक सार्वजनिक गणेश मंडलों को 5 वर्षों के लिए केवल एक बार अनुमति देने का फैसला किया है, जो अगले निजी स्थानों में मंडप स्थापित करके गणेशोत्सव मनाते हैं। 

     नियमों और शर्तों का पालन करना अनिवार्य होगा

    इससे ऐसे बोर्डों को अगले 5 वर्षों के लिए महानगरपालिका से लाइसेंस प्राप्त करने के लिए उसी कारण से आवेदन जमा नहीं करने होंगे। इससे मंडलों का समय बच जाएगा। इस वर्ष इन मंडलों को आवेदन ठीक से जमा कर अनुमति लेनी होगी। महानगरपालिका और सरकार द्वारा समय-समय पर जारी नियम और शर्तों के अधीन महानगरपालिका द्वारा अगले 5 वर्षों के लिए अनुज्ञप्ति प्रदान की जाएगी। संबंधित मंडलों को लाइसेंस प्रदान करते समय महानगरपालिका द्वारा दिए गए नियमों और शर्तों का पालन करना अनिवार्य होगा।

    मूर्तियों के संग्रह के लिए रखा जाएगा चलता-फिरता रथ

    बहरहाल, महानगरपालिका कमिश्नर राजेश पाटिल ने नागरिकों से पर्यावरण के अनुकूल तरीके से गणेशोत्सव मनाने की पहल करने की अपील की है। फिटकरी या कागज के गूदे, शाडू या पर्यावरण हितैषी, विघटनशील मूर्तियों का प्रयोग करना चाहिए। कमिश्नर पाटिल ने यह भी कहा कि लकड़ी और पत्थर से बनी पुन: प्रयोज्य मूर्तियों का उपयोग किया जाना चाहिए। गणेश विसर्जन के स्थान पर सुरक्षा, दमकल, स्वास्थ्यकर्मी, लाइफगार्ड, हेल्पर, आपदा प्रबंधन टीम की नियुक्ति की जाएगी। निर्मल्या कुंड को विसर्जन और जरूरी जगहों पर रखा जाएगा। नागरिकों को निर्मल्य और पूजा सामग्री को नदी या झील में नहीं, बल्कि निर्मल्य कुंड में फेंकना चाहिए। विसर्जन के स्थान पर कचरा, बचा हुआ सजावटी सामान और पूजा सामग्री और अन्य सामग्री को जलाया या फेंका नहीं जाना चाहिए। मूर्तियों के संग्रह के लिए यहां एक चलता-फिरता रथ रखा जाएगा। 

    रक्तदान शिविरों के आयोजन को प्राथमिकता दें 

    कमिश्नर ने कहा कि सार्वजनिक गणेश मंडलों को स्वास्थ्य, सामाजिक संदेश और स्वच्छता पर विज्ञापन प्रदर्शित करना पसंद करना चाहिए। इसके साथ ही स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियों, रक्तदान शिविरों के आयोजन को प्राथमिकता दी जाए। भारतीय स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव का जश्न मनाने के लिए देशभक्ति प्रदर्शन और कार्यक्रम आयोजित करें। कमिश्नर पाटिल ने नागरिकों से हर घर तिरंगा अभियान में भाग लेकर अपने घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने की भी अपील की है और गणेश मंडल जागरूकता अभियान में भाग लें और योगदान दें।