pcmc Commissioner Shekhar-Singh and Rajesh-Patil

    Loading

    पिंपरी: राज्य में महाविकास आघाड़ी की सरकार (MVA Government) गई और सौ दिन पहले शिंदे-फडणवीस की सरकार (Shinde-Fadnavis Government) सत्ता में आई। नई सरकार ने पिछली सरकार के सभी फैसलों को उलटने की कोशिश की है। ज्यादातर फैसले या तो रद्द किए गए या स्थगित किए जा रहे है। सत्ता परिवर्तन के बाद पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) के कमिश्नर भी बदल गए और नए कमिश्नर शेखर सिंह (Commissioner Shekhar Singh) ने पदभार संभाला। सिंह ने नागरिकों से जुड़े पुराने कमिश्नर राजेश पाटिल (Rajesh Patil) के एक अहम फैसले को बदल दिया, जिससे पिंपरी-चिंचवडकर प्रभावित होंगे।

    वस्तुतः महानगरपालिका में छह दिन का सप्ताह होता है। पूर्व कमिश्नर महानगरपालिका में आने वाले आगंतुकों और नागरिकों से सप्ताह में चार दिन शाम 4 बजे से शाम 6 बजे तक मिलते थे। कोई जरूरी काम होता तो कभी भी मिलते। हालांकि तबादले के बाद, पाटिल चले गए और शेखर सिंह आए। यहां पहुंचते ही उन्होंने कुछ अधिकारियों की जिम्मेदारियों में फेरबदल किया। अब उन्होंने सीधे नागरिकों से संबंधित पिछले कमिश्नर के आदेश को भी बदल दिया। आगंतुकों से मिलने के लिए सप्ताह के दिनों की संख्या चार से घटाकर तीन कर दिया। तदनुसार वे अब सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक मुलाकात के लिए उपलब्ध रहेंगे, हालांकि उन्होंने मुलाकात के समय को एक घंटे यानी तीन घंटे कर दिया है।

    कमिश्नर कक्ष के बाहर लोगों को इंतजार रहना पड़ रहा है

    पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका से संबंधित मामलों के लिए नागरिक प्रतिदिन मुख्य प्रशासनिक भवन में कमिश्नर के पास आते हैं। कार्यक्षेत्र के अनुसार संबंधित अधिकारियों और पदाधिकारियों के साथ बैठकें आयोजित कर उनके साथ कार्य चल रहा है। इस कारण आगंतुकों का कमिश्नर से मिलना संभव नहीं हो पा रहा है। उन्हें घंटों महानगरपालिका के मुख्यालय में कमिश्नर कक्ष के बाहर इंतजार करना पड़ रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए पूर्व कमिश्नर पाटिल ने सोमवार, मंगलवार, गुरुवार, शुक्रवार को शाम चार बजे से छह बजे तक उनसे मिलने का समय निर्धारित किया था। पूर्व कमिश्नर के आने-जाने का समय बदलकर अब सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक कर दिया है। हालांकि, कुछ अवसरों पर कमिश्नर अन्य सरकारी कार्यालयों, मंत्रालयों, मुंबई या महानगरपालिका की बैठकों, स्थायी समिति की बैठकों, विधि समिति की बैठकों के लिए हॉल में होते हैं। इसलिए महानगरपालिका प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि नागरिक यह भी ध्यान दें कि ऐसे मामलों में वे ऊपर निर्दिष्ट समय के भीतर भी नागरिकों से मिलने के लिए उपलब्ध नहीं होंगे।