पुणे: पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण (Prithviraj Chavan) ने दावा किया कि अगर एनसीपी (NCP) ने साल 2014 में उनकी सरकार से समर्थन वापस नहीं लिया होता तो उन्होंने मराठा (Maratha) आरक्षण (Reservation) का मुद्दा (Issue) सुलझा लिया होता। वह कॉम्पिटिटर्स फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। पृथ्वीराज चव्हाण ने यह भी कहा कि अगर कांग्रेस और एनसीपी एक साथ चुनाव लड़ते तो 2014 में बीजेपी सत्ता में नहीं आती।
एनसीपी (NCP) ने समर्थन वापस लिया और सरकार गिर गई
चव्हाण ने कहा कि उन्होंने सहकारी विभाग के साथ काम किया है और उन्हें कुछ कठोर कदम भी उठाने पड़े। इसमें से एक महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक के निदेशक मंडल की बर्खास्तगी थी। जिसके कारण एनसीपी ने तत्कालीन सरकार से समर्थन वापस ले लिया और उनकी सरकार गिर गई।
चव्हाण ने कहा कि उन्होंने सहकारी विभाग के साथ काम किया है और उन्हें कुछ कठोर कदम भी उठाने पड़े। इसमें से एक महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक के निदेशक मंडल की बर्खास्तगी थी। जिसके कारण एनसीपी ने तत्कालीन सरकार से समर्थन वापस ले लिया और उनकी सरकार गिर गई।
उन्होंने आगे कहा कि यदि उनकी सरकार सत्ता में वापस आती, तो वह मराठा आरक्षण की समस्या का समाधान कर देते और सुनिश्चित करते कि वह कानून की कसौटी पर खरा उतरे।