पिंपरी: सालाना करीबन डेढ़ सौ करोड़ रुपए बिजली (Electricity Bill) पर फूंकने वाले पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका प्रशासन (Pimpri-Chinchwad Municipal Administration) की केवल 64 संपत्तियों पर सोलर पावर सिस्टम (Solar Power System) लगाया गया है, जबकि शहर में पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) की 950 संपत्तियां है। इससे प्रतिदिन 4,240 यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा हैं। इसे महानगरपालिका की सालाना 1 करोड़ 41 लाख रुपए की बचत हो रही है। बिजली बचाने और बिजली के विकल्प के रूप में महानगरपालिका की 84 संपत्तियों पर पिछले साल सोलर पावर सिस्टम लगाने का निर्णय लिया गया था। हालांकि अभी तक कुछ नहीं हुआ, इन राजस्व पर सौर ऊर्जा व्यवस्था लागू होने के बाद महानगरपालिका की हर साल तीन करोड़ 52 लाख रुपए की बचत होगी।
महावितरण शहर के विभिन्न हिस्सों में महानगरपालिका के कार्यालय, थिएटर, ऑडिटोरियम, पार्क, अस्पताल, सीसीटीवी सिस्टम, फील्ड ऑफिस सहित विभिन्न संपत्तियों को बिजली की आपूर्ति करता है। महानगरपालिका को हर साल 53.45 मेगावाट बिजली की जरूरत होती है। इसके लिए महानगरपालिका को हर साल 148 करोड़ रुपए तक का भुगतान करना पड़ता है। महानगरपालिका में सौर ऊर्जा परियोजनाओं, बिजली बचत नीति का अभाव है।
महावितरण को हर साल 148 करोड़ रुपए का भुगतान कर रही PCMC
शहर की आबादी बढ़ रही है, नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना महानगरपालिका का कर्तव्य है। नागरिकों की सुविधाओं के लिए विभिन्न क्षेत्रों में 950 संपत्तियां है। लगभग 200 छोटे और बड़े पार्क, महानगरपालिका मुख्य भवन, आठ क्षेत्रीय कार्यालय, आठ प्रमुख अस्पताल, 28 औषधालय, 20 स्वास्थ्य देखभाल केंद्र, 8 टीकाकरण केंद्र, 36 टीकाकरण केंद्र, तीन सभागार, जल शोधन केंद्र, जल उपचार संयंत्र, सीसीटीवी सिस्टम, 105 प्राथमिक और 18 माध्यमिक विद्यालयों सहित 123 विद्यालय हैं। इसके अलावा शहर के विभिन्न हिस्सों में सार्वजनिक सड़कों पर स्ट्रीट लाइट के खंभे होने के कारण बड़ी मात्रा में बिजली की आवश्यकता होती है। इन सबके लिए महानगरपालिकाको सालाना 53.45 मेगावॉट बिजली की जरूरत होती है। इसके लिए महानगरपालिका हर साल 148 करोड़ रुपए के महावितरण भुगतान कर रही है। बढ़ते खर्च को ध्यान में लेकर सौर ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
कहाँ कितना बिजली खर्च
- स्ट्रीट लाइट: 27 करोड़ 75 लाख
- पार्क: 2 करोड़ 50 लाख
- जल शोधन परियोजना: 80 करोड़
- वाटर ट्रीटमेंट प्लांट: 22 करोड़
- अस्पताल: 9 करोड़
- महानगरपालिका मुख्यालय: 1 करोड़ 25 लाख
- ऑडिटोरियम: 2 करोड़
- महानगरपालिका स्कूलों, सीसीटीवी प्रणाली, फील्ड कार्यालयों, आदि के लिए 3 करोड़
- कुल: 148 करोड़