mla laxman jagtap

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    पिंपरी: पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका के चिकित्सा विभाग द्वारा अस्पतालों के लिए खरीदी गई उच्च वैक्यूम सक्शन मशीनों की खरीद में बड़ा घोटाला (Scam) हुआ है। इस मशीन की खरीद के लिए तैयार की गई निविदा में उल्लिखित तकनीकी विनिर्देश और आपूर्तिकर्ता ठेकेदार द्वारा चिकित्सा विभाग को वास्तव में दिए गए मशीन के तकनीकी विनिर्देश अलग-अलग हैं। किसी को तकनीकी जानकारी नहीं होने के भ्रम में पिंपरी-चिंचवडकर से लाखों रुपए की लूटखसोट की साजिश रचकर चिकित्सा विभाग के संबंधित अधिकारियों और आपूर्तिकर्ता ठेकेदार ने सचमुच सभी को बेवकूफ बनाने की कोशिश की है। इस मामले की गहनता से जांच की जाए और संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों की लेखा-जोखा जांच की जाए। इसके साथ ही बीजेपी के विधायक लक्ष्मण जगताप (MLA Laxman Jagtap) ने पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका कमिश्नर शेखर सिंह (Pimpri-Chinchwad Municipal Commissioner Shekhar Singh) से मांग की है कि संबंधित ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड किया जाए।

    इस संबंध में विधायक जगताप ने कमिश्नर शेखर सिंह को दिए ज्ञापन में कहा कि महानगरपालिका के चिकित्सा विभाग ने अस्पतालों के लिए 20 हाई वैक्यूम सक्शन मशीन की खरीद के लिए टेंडर प्रक्रिया संचालित की  उसके बाद गई आपूर्तिकर्ता ठेकेदार सीबर्ड सिस्टम्स इंक. को कार्यादेश दिया गया है। तदनुसार संबंधित आपूर्तिकर्ता ठेकेदार ने चिकित्सा विभाग को मशीनें उपलब्ध करा दी हैं। मूल रूप से इस मशीन की खरीद का टेंडर एक तरह का घोटाला है। यह आपूर्तिकर्ता ठेकेदार निविदा प्रक्रिया में निर्धारित नियमों और शर्तों के उल्लंघन के लिए संबंधित अधिकारियों द्वारा योग्य है। निविदा में उन तकनीकी विशिष्टताओं का उल्लेख है जो मशीन में होनी चाहिए। तदनुसार, आपूर्तिकर्ता ठेकेदार के लिए चिकित्सा विभाग को मशीन उपलब्ध कराना कानूनन अनिवार्य है। 

    तकनीकी विनिर्देश के बिना ही ठेकेदार से मशीन प्राप्त कर लिया 

    दरअसल, यह बात सामने आई है कि आपूर्तिकर्ता ठेकेदार द्वारा चिकित्सा विभाग को जो मशीन दी गई है, वह टेंडर में उल्लिखित तकनीकी विनिर्देश की नहीं है। चौंकाने वाली बात यह है कि टेंडर में धांधली की मंशा से टेंडर प्रक्रिया संचालित करने वाले चिकित्सा विभाग के संबंधित अधिकारियों ने टेंडर में बताए गए तकनीकी विनिर्देश के बिना ही आपूर्तिकर्ता ठेकेदार से मशीन में प्राप्त कर लिया है। इससे स्पष्ट है कि संबंधित अधिकारी प्रत्यक्ष वित्तीय हितों को साधने की कोशिश कर रहे हैं।  

    जीईएम पोर्टल पर मशीन की कीमत कम

    चौंकाने वाली बात यह है कि टेंडर में एक मशीन की कीमत करीब 6 लाख 80 हजार बताई गई है, लेकिन सरकार के जीईएम पोर्टल पर उसी मशीन की कीमत 3 से 4 लाख रुपए के दायरे में है। इससे साफ है कि मशीन खरीदने वाले अधिकारियों का क्या प्लान था। यह पता चला है कि आपूर्तिकर्ता ठेकेदार द्वारा चिकित्सा विभाग को दी गई मशीन में निविदा में उल्लिखित 14 से अधिक तकनीकी विनिर्देश नहीं थे। मशीन में गलत ऑपरेटिंग सिस्टम, गलत एयर फ्लो, कोई वायरस फिल्टर नहीं, उच्च शोर स्तर, मशीन में कोई मेम्ब्रेन सिस्टम नहीं, कोई इलेक्ट्रिक शॉक सिस्टम नहीं, कोई सॉलिफायर नहीं होने के बारे में कई शिकायतें मिली हैं। यदि इन मशीनों को प्रयोग में लाया जाता है तो किसी बड़ी दुर्घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है क्योंकि मशीनों को संभालने वाले चिकित्सा विभाग के कर्मचारियों के साथ-साथ इलाज के लिए आने वाले मरीजों के स्वास्थ्य और जीवन को भी खतरा होगा। 

    ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने की मांग 

    इस मशीन की खरीद के लिए निविदा प्रक्रिया का संचालन करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने स्वयं के लाभ के लिए गैर-जिम्मेदाराना तरीके से वित्तीय हितों का पीछा किया है। दोषपूर्ण वैक्यूम सक्शन मशीन ठेकेदार, सेवार्ड सिस्टम्स आईएनसी से प्राप्त की गई थी। ऐसी मशीनें लेना महानगरपालिका और अस्पतालों में आने वाले मरीजों के हित में नहीं है, यह अवैध है। अतः निविदा को तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए तथा नियम एवं शर्तों का उल्लंघन करने वाले संबंधित आपूर्तिकर्ता ठेकेदार को तत्काल ब्लैक लिस्ट में डाला जाना चाहिए। यदि उनके द्वारा आपूर्ति की गई मशीन को लिए बिना पैसे का भुगतान किया जाता है, तो इसे वसूल किया जाना चाहिए। विधायक जगताप ने चिकित्सा विभाग के संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है, जिन्होंने घोटाले के इरादे से निविदा प्रक्रिया का संचालन करके गलत तकनीकी विनिर्देश की मशीनों में प्रवेश किया है।