Supriya sule

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पुणे: आगामी चुनावों के मद्देनजर एक दुसरे पर हो रहे आरोप-प्रत्यारोप से प्रदेश की राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। इस दौरान पुणे में एनसीपी के दोनों गुटों के अहम नेता यानी सांसद सुप्रिया सुले और उपमुख्यमंत्री अजित पवार एक कार्यक्रम के लिए एक ही मंच पर आने से सबकी निगाहें इन दोनों पर टिकी हुई थी। हालांकि इस बार दोनों ने एक-दूसरे से सीधे तौर पर बात करने से परहेज किया, लेकिन भाषण के जरिए उनमें सवाल-जवाब का आदान-प्रदान होने से दोनों पक्षों में एक बार फिर सियासी रंग चढ़ने के आसार हैं। 

पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में सबसे पहले सांसद सुप्रिया सुले को भाषण के लिए बुलाया गया था। इस मौके पर सुप्रिया सुले ने उस समय रुके हुए मनपा चुनाव का मुद्दा उठाते हुए कहा कि, मेरी राज्य सरकार से एक मांग है कि, यहां कई दिनों से नगरसेवक नहीं हैं। पिछले ढाई साल में यहां कोई चुनाव नहीं हुआ, तो इस क्षेत्र की जनता अपने सवाल किसके सामने रखे? यह सवाल उनके सामने खड़ा हो गया है। सत्ता के विकेंद्रीकरण के लिए नगरसेवक की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए अगर हम जल्द से जल्द नगरसेवकों का चुनाव कराते हैं, तो इस क्षेत्र के लोगों को राहत मिलेगी, ऐसा सुप्रिया सुले ने कहा। 

सुप्रिया सुले के इस मुद्दे पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपने भाषण में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, मनपा चुनाव राज्य सरकार की वजह से नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट की वजह से रुके हैं।  मनपा चुनाव दो साल से अधिक समय से रुके हुए हैं, लेकिन उस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। हम भी जनता द्वारा चुने गये कार्यकर्ता हैं। हम भी चाहते हैं कि अलग-अलग कार्यकर्ताओं को मौका मिले, लेकिन ओबीसी से जुड़ा एक मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया है। इसके नतीजे जल्दी नहीं आ रहे हैं। राज्य सरकार इसके लिए लगातार प्रयास कर रही है।  अजित पवार ने अपने भाषण में साफ शब्दों में कहा कि महागठबंधन सरकार की राय है कि तारीख तय होनी चाहिए और जल्द से जल्द चुनाव होना चाहिए।