Property Sales building

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    पुणे: पिछले छह माह में राज्य पंजीकरण एवं स्टांप शुल्क विभाग में 13,15,144 विलेख (Deed) दर्ज किए गए हैं। इस पंजीकरण से महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) के खजाने में 17,419 करोड़ रुपए का राजस्व (Revenue) जमा हुआ है। सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में पंजीकरण एवं स्टांप विभाग के लिए 32,000 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा है। वर्ष की पहली छमाही में लक्ष्य राजस्व का 54 प्रतिशत हासिल किया गया है और संपत्ति की बिक्री (Property Sales) भी बढ़ रही है। 

    माल और सेवा कर (GST) के बाद, पंजीकरण और स्टांप शुल्क विभाग राज्य के लिए दूसरा सबसे बड़ा राजस्व अर्जित करने वाला विभाग है। भूमि, फ्लैट, दुकानों, दो व्यक्तियों या संगठनों के बीच अनुबंध, अवार्ड डीड और ऑनलाइन टेनेंसी एग्रीमेंट जैसे विभिन्न दस्तावेजों को पंजीकृत करते समय स्टाम्प शुल्क का भुगतान करना पड़ता है। निबंधन विभाग को यह राजस्व स्टांप शुल्क से प्राप्त हुआ है। राज्य में बड़े पैमाने पर शहरीकरण हो रहा है, शहर की सीमा से सटे गांवों में फ्लैटों की जमकर खरीद-बिक्री हो रही है। इसके अलावा, पुणे, मुंबई, ठाणे, नागपुर और नासिक में बड़े पैमाने पर शहरीकरण हो रहा है। इससे सरकार को पंजीकरण से भारी मात्रा में राजस्व प्राप्त हो रहा है।

    राजस्व पर सरकार का विशेष ध्यान 

    राज्य में कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएं चल रही हैं। इसमें सड़कों, सिंचाई परियोजनाओं, हवाई अड्डों, मेट्रो और अन्य के साथ-साथ विभिन्न विकास कार्य शामिल हैं। इन कार्यों के लिए सरकार को बड़ी संख्या में फंड की जरूरत है। सरकार द्वारा एकत्र किया गया यह राजस्व विभिन्न विकास कार्यों पर खर्च किया जाता है। इसलिए सरकार पंजीकरण विभाग द्वारा वसूले जाने वाले राजस्व पर विशेष ध्यान दे रही है।