Sharad Pawar Ajit Pawar
शरद पवार-अजित पवार (डिजाइन फोटो)

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नवभारत न्यूज़ नेटवर्क
बारामती/मुंबई:
पवार परिवार के गढ़ बारामती में लोकसभा चुनाव आर-पार के दौर में पहुंच गया है। बेटी की खातिर शरद पवार अपने 55 साल पुराने प्रतिद्वंद्वी के काकड़े परिवार के दरवाजे पर शुक्रवार को दस्तक दी। बारामती में शरद पवार की पुत्री व मौजूदा सांसद सुप्रिया सुले के खिलाफ उनके भतीजे अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार चुनाव मैदान में हैं। ननद भौजाई भले ही एक दूसरे के सामने हैं, परंतु यहां अब सीधे  तौर पर चाचा-भतीजे के बीच वर्चस्व की लड़ाई बन चुकी है। 

पवार मैदान में
अपनी साख बचाने के लिए 84 साल के शरद पवार खुद मैदान में उतर गए हैं। अब वे दशकों पुरानी दुश्मनी को दोस्ती में बदलने का कार्य कर रहे हैं। राष्ट्रवादी शरद चंद्र पवार पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी रहे संभाजीराव काकड़े और बाबालाल काकड़े के परिवारों से मुलाकात की है। शरद पवार मुंबई फेडरेशन के उपाध्यक्ष शामराव काकड़े के आवास पर गए। पूर्व सांसद संभाजी काकड़े की पत्नी कंथावती काकड़े का हाल ही में निधन हो गया था। बताया गया कि 55 साल बाद पवार काकड़े परिवार से मुलाकात करने पहुंचे।

काकड़े परिवार से पुराना संघर्ष
शरद पवार और काकड़े परिवार के बीच संघर्ष काफी पुराना है। काकड़े ने कई बार पवार के खिलाफ सांसद और विधायक का चुनाव लड़ा। बारामती और आसपास के इलाकों में काकड़े परिवार का भी ठीक ठाक प्रभाव रहा है। उधर, उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पिछले पांच साल से काकड़े परिवार से सुलह कर ली है। उन्होंने सोमेश्वर सहकारी चीनी फैक्ट्री के निदेशक के रूप में शेतकरी समिति के नेता सतीश काकड़े के बेटे अभिजीत काकड़े को मौका दिया है। दूसरी ओर शरद पवार भी काकड़े परिवार के साथ सुलह की कोशिश में हैं। शरद पवार बारामती के कुछ पुराने परिवारों से मिल कर बेटी के लिए समर्थन मांग रहे हैं।