ध्वनि प्रदूषण फैलाने वालों पर हो कार्रवाई : सरिता खानचंदानी

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    उल्हासनगर : शहर में ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution), बिना अनुमति के लगने वाले बैनर, पेड़ों की कटाई, अनधिकृत निर्माण (Unauthorized Construction) और कई अन्य मामले है जिसमें अदालती आदेशों का उल्लंघन किया जा रहा है। इस तरह का आरोप लगाते हुए सामाजिक कार्यकर्ता और हिराली फाउंडेशन की अध्यक्ष सरिता खानचंदानी ने महानगरपालिका मुख्यालय (Municipal Headquarters) के सामने अनिश्चितकालीन अनशन (Indefinite Fast) शुरू किया है। 

    आदेशों का उल्लंघन किया जा रहा        

    उल्हासनगर शहर में अवैध निर्माण का गंभीर विषय है। कई जगह अवैध रूप से बैनर लगाकर शहर को विकृत किया जा रहा है। पेड़ों को अवैध रूप से काटे जाने के मामले भी सामने आ चुके है। सीमेंट की सड़कें निम्न स्तर की बनाई जा रही हैं। किस ठेकेदार द्वारा यह काम किया जा रहा है। काम पर कितना खर्च किया जा रहा है। समय सीमा कितनी है। इसकी जानकारी मांगने के बाद भी महानगरपालिका द्वारा नहीं दिए जाने का सरिता खानचंदानी का आरोप है।   खानचंदानी का कहना है कि इस संबंध में अदालत के आदेशों के बावजूद इन आदेशों का उल्लंघन किया जा रहा है। अदालत के आदेशों को लागू करने के मेरे बार-बार निवेदन करने के बावजूद। महानगरपालिका प्रशासन सबंधितों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। 

    कोई ठोस कार्रवाई नहीं

    इसके साथ ही जब सुप्रीम कोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण और जुलूसों के संबंध में निर्देश दिए है। फिर भी शहर में खुलेआम आदेशो का उल्लंघन किया जा रहा है। अनशन कर्ता सरिता खानचंदानी ने सबूतों सहित महकमे के पास नामजद लिखित शिकायत की है पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है जिससे लोगों के हौसले बुलंद है। उनका आरोप है कि दही हांडी और अब गणेशोत्सव में कुछ स्थानों पर रात 10 बजे के बाद भी लोग डीजे बजा रहे है। जिससे बहुत अधिक ध्वनि प्रदूषण और कानून का उल्लंघन होता है। खानचंदानी ने कहा है कि जब तक महानगरपालिका प्रशासन, पुलिस प्रशासन और संबंधित विभाग इस पर कार्रवाई नहीं करते तब तक यह अनशन जारी रहेगा। 

    इस संदर्भ में महानगरपालिका के अतिरिक्त आयुक्त जमीर लेंगरेकर ने स्थानीय पत्रकारों से बातचीत में कहा की महानगरपालिका प्रशासन समय-समय पर शहर में अवैध बैनर और अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करती है। वहीं धार्मिक पर्वो के दौरान पुलिस प्रशासन, तहसीलदार और महानगरपालिका प्रशासन की समिति गठित की गई है। त्योहारों और समारोहों के लिए यह समिति इस पर निर्णय लेती है।