After delivery of disabled woman, doctor fed milk to the newborn, Ulhasnagar, Disabled Woman, Milk, Newborn, Doctor, Delivery

Loading

  • सरकारी अस्पताल के डॉक्टर ने पेशे के साथ दिखाई मानवता 

नवभारत न्यूज नेटवर्क
उल्हासनगर: उल्हासनगर स्थित सरकारी सेंट्रल अस्पताल के विशेष नवजात देखभाल वार्ड में ऑन ड्यूटी डॉक्टर व स्टॉफ द्वारा अपने पेशे के प्रति दिखाई गई उदारता की चर्चा अब शहर में सोशल मीडिया के कारण चर्चा में है। 

किसी भी मरीज के लिए जीवन देने वाला डॉक्टर भगवान समान प्यारा होता है, लेकिन बदलते दौर में भगवान रूपी डॉक्टर और मरीज रूपी भक्तों के बीच की खाई दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इसके पीछे एक मुख्य कारण संवादहीनता के कारण पैदा हुई गलतफहमियां है। ऐसा ही एक डॉक्टर उल्हासनगर सेंट्रल हॉस्पिटल में देखने को मिला। 12 दिसंबर की आधी रात को 2 बजे मंगल अंकुश वाघमारे नाम की महिला की डिलीवरी हुई। 

महिला मानसिक रोगी है और महिला ने एक प्यारी सी बच्ची को जन्म दिया। महज डेढ़ किलो वजन के बच्चे को वजन कम होने के कारण बेबी इनक्यूबेटर में रखा जाता है। फीडिंग भी करानी पड़ती है। लेकिन एक मानसिक रोगी मां के पास बच्ची को फीडिंग करने के लिए कोई नहीं था। ऐसी कठिन परिस्थिति में सिविल सर्जन डॉ मनोहर बनसोडे एवं अतिरिक्त सिविल सर्जन डॉ वसंतराव मोरे के मार्गदर्शन में विशेष नवजात देखभाल कक्ष का काम बहुत बढ़िया देखने को मिला। विशेष नवजात देखभाल कक्ष का निरीक्षण करते समय डॉक्टरों को एक अनुभव आया इस वार्ड में मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर किरण बच्ची को अपने हाथों से फीडिंग करते हुए उसका इलाज करते दिखे।