teak tree cutting
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    ठाणे : शहर में पिछले कुछ सालों में विकास परियोजनाओं (Projects) के साथ-साथ निजी इमारतों (Buildings) के निर्माण के नाम पर हजारों पेड़ (Trees) काटे जाने का मामला सामने आया है। दरअसल, ठाणे के एक डेवलपर के दो परियोजनाओं बाधित हो रहे लगभग 318 पेड़ों के पुनर्रोपण और कटाई को मंजूरी महानगरपालिका वृक्ष प्राधिकरण विभाग (Department of Municipal Tree Authority) ने दी। लेकिन इन प्रस्तावों की घोषणा महानगरपालिका प्रशासन द्वारा चोरी-छिपे किये जाने का आरोप पर्यावरण प्रेमियों ने लगाया है। इनका कहना है कि जब वृक्ष प्राधिकरण समिति ही अस्तित्व में नहीं है तो प्रशासनिक शासन के तहत निजी परियोजनाओं के लिए बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई की मंजूरी कैसे दे दी गई। 

    आपको बतादें कि पिछले कुछ वर्षों में ठाणे शहर में निजी और सार्वजनिक परियोजनाओं के लिए हजारों पेड़ काटे जा रहे हैं। बुलेट प्रोजेक्ट, सड़क चौड़ीकरण और मेट्रो जैसी महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के लिए हजारों पेड़ काटे जा चुके हैं। दूसरी ओर, ठाणे महानगरपालिका के वृक्ष प्राधिकरण विभाग के पास आने वाले पेड़ों की कटाई के प्रस्तावों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और निजी हाउसिंग प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई के प्रस्ताव प्रस्तुत किए जा रहे हैं। जबकि शहर में प्रशासनिक शासन चल रहा है और आचार संहिता के चलते विकास कार्य भी धीमी गति से हो रहा है। लेकिन वहीं दूसरी तरफ शहर में पेड़ काटने के प्रस्तावों को तेजी से मंजूरी दी जा रही है और प्रशासन की यह अति उतावलापन पर्यावरण के लिए खतरनाक होता जा रहा है। 

    चीतलसर मानपाड़ा क्षेत्र में एक डेवलपर ने इमारतों के निर्माण स्थल पर करीब 487 पेड़ बाधित हुए हैं। जिसमें से 194 पेड़ ड्राइविंग वे, आंतरिक सड़क, भवन की खुदाई, भवन फुट प्रिंट, पोडियम निर्माण जैसे कार्यों के लिए प्रभावित पेड़ों का समावेश है। बिल्डर ने दो प्रस्ताव पेश किया है एक में इन प्रस्तावों में से 151 पेड़ों को फिर से लगाया जाएगा और 43 पेड़ों को काटा जाएगा। जबकि दूसरे प्रस्ताव में इसी बिल्डर का भायंदरपाड़ा में एक और प्रस्ताव है जिसमें 124 पेड़ प्रभावित हैं। इनमें से 68 पेड़ दोबारा लगाए जाएंगे और 56 पेड़ काटे जाएंगे। इसके अलावा इसी व्यवसायी के एक अन्य प्रोजेक्ट में 10 पेड़ लगाने, सात पेड़ काटने समेत 17 पेड़ काटने जा रहे हैं। जिसे लेकर पर्यावरणविदों में आक्रोश देखा जा रहा है। इनका आरोप है कि महानगरपालिका प्रशासन और वृक्ष प्राधिकरण कुछ अधिक मेहरबानी डेवलपर पर दिखा रही है। 

    न्यायालय का अपमान 

    वृक्ष प्राधिकरण के इन मनमानी कार्यप्रणाली को लेकर पर्यावरण प्रेमी रोहित जोशी ने एक जनहित याचिका दायर की है। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि पर्यावरण महानगरपालिका प्रशासन नियम के अधीन है। वर्तमान समय में यहां कोई वृक्ष प्राधिकरण समिति नहीं है। इसलिए ऐसे मामलों में आयुक्त के अनुमोदन से पेड़ों की कटाई की अनुमति दी जाती है। वर्तमान में, ठाणे शहर में पेड़ों की संक्षिप्त कटाई और पुनर्रोपण की अनुमति दी जा रही है। लेकिन हाईकोर्ट द्वारा बार-बार दिए गए निर्देशों का पालन नहीं करने के कारण अदालत का अपमान हो रहा है। वहीं ठाणे की म्यूज फाउंडेशन ने महानगरपालिका प्रशासन पर पेड़ो की प्रजाति को भी छुपाने का आरोप लगाया है।