Bhiwandi Municipal Corporation

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    भिवंडी: भिवंडी महानगरपालिका (Bhiwandi Municipal Corporation ) कमिश्नर सुधाकर देशमुख ने शासनादेश जारी कर नगरसेवक स्वैच्छिक निधि (Corporator Voluntary Fund) द्वारा होने वाले विकास कार्यों (Development Works) पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। नगरसेवकों (Corporator) की स्वैच्छिक निधि पर रोक से नगरसेवकों द्वारा अपने क्षेत्र में किए जाने वाले विकास कार्यों पर विराम लग गया है। नगरसेवक स्वैच्छिक निधि द्वारा विकास कार्यों को आगामी दिनों में अंजाम देने वाले नगरसेवकों में महानगरपालिका प्रशासन के आदेश से हड़कंप मच गया है।

    गौरतलब है कि महानगरपालिका कमिश्नर सुधाकर देशमुख ने भारत सरकार का मार्गदर्शन और सुप्रीम कोर्ट के आदेश 28/8/69 का हवाला देते जारी आदेश में कहा है कि नगरसेवक स्वैच्छिक निधि द्वारा चुनाव पूर्व अंजाम दिए जाने वाले विकास कार्य मतदाताओं को प्रभावित करते है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार स्थानीय स्वराज्य संस्था अर्थात महानगरपालिका, नगरपरिषद, जिला परिषद, पंचायत समिति आदि का कार्यकाल समाप्त होने के 3 माह पूर्व ही जनप्रतिनिधियों की स्वैच्छिक निधि रोक देने का आदेश है। भिवंडी महानगरपालिका का कार्यकाल 8 जून 2022 को समाप्त हो रहा है। महानगरपालिका का कार्यकाल समाप्त होने के 3 माह पूर्व ही महानगरपालिका कमिश्नर सुधाकर देशमुख द्वारा नगरसेवकों की स्वैच्छिक निधि पर तत्काल प्रभाव से ताला जड़ दिया गया है। 

    महानगरपालिका प्रशासन द्वारा विकास कार्यों को अंजाम दिया जाएगा

    कमिश्नर देशमुख ने अधिकारियों से स्वैच्छिक निधि सम्बन्धित कोई भी विकास प्रस्ताव नहीं बनाए जाने का सख्त निर्देश दिया है। कमिश्नर देशमुख ने बताया कि महानगरपालिका नगरसेवकों की स्वैच्छिक निधि से पहले से शुरू विकास कार्य पूर्ण किए जाएंगे। आदेश पारित होने के उपरांत कोई भी स्वैच्छिक निधि का कोई भी नया प्रस्ताव सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा नहीं बनाया जाएगा। महानगरपालिका प्रशासन द्वारा विकास कार्यों को अंजाम दिया जाएगा।

    भिवंडी महानगरपालिका में भी प्रशासक की संभावना

    महाविकास आघाडी सरकार सहित विपक्षी दल बीजेपी सहित अन्य राजनीतिक दल 27 % ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। सभी राजनैतिक दलों का मानना है कि ओबीसी आरक्षण मुद्दे का समाधान सुप्रीम कोर्ट से नहीं आने तक महानगरपालिका, नगरपरिषद, जिला परिषद, ग्राम पंचायत, पंचायत समिति का चुनाव नहीं कराया जाएगा। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे मंत्रिमंडल ने 6 माह चुनाव रोकने का निर्णय भी लिया है। मंत्रिमंडल द्वारा पारित विधेयक को चुनाव आयोग के पास भेजा गया है। चुनाव आयोग का निर्णय अंतिम होगा। चुनावी पंड़ितों का कहना है कि अगर चुनाव आयोग मंत्रिमंडल द्वारा पारित विधेयक को मान लेता है तो भिवंडी महानगरपालिका का चुनाव भी टल जाएगा जिससे अन्य महानगरपालिकाओं की तरह सरकार को भिवंडी महानगरपालिका में भी प्रशासक की नियुक्ति करनी पड़ सकती है। अब नागरिकों की निगाहें चुनाव आयोग से आने वाले आदेश पर टिकीं हुई हैं।