बदहाल सड़कों से खस्ताहाल दिवा पूर्व के लाखों निवासी, चार सालों से शुरू है सड़क का निर्माण

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    ठाणे : सरकार बदलने के बाद जिस तरह से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shind) ने रोड इंफ्रास्ट्रक्चर (Road Infrastructure) के काम को प्राथमिकता के आधार पर आगे बढ़ाने का निर्देश सभी एजेंसियों (Agencies) और संबंधित अधिकारियों (Officials) को दिया था। उससे दिवा (Diva), पडले (Padle), खिड़काली (Khirkali) के रहिवासियों को लगा था कि दिवा पूर्व के बदहाल सड़कों की सुधि ली जाएगी और यहां के विकास कामों में तेजी आएगी। लोगों को लगा था कि दिवा स्टेशन आने जाने के लिये सहूलियत हो जाएगी और इसके लिए अधूरी पड़ी निर्माणाधीन सड़क पूरी बन जाएगी, लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा कोई भी संकेत दिखाई नहीं दे रहा है। ठाणे महानगरपालिका के अंतर्गत आने वाले दिवा पूर्व में सड़कों के सभी निर्माण कार्य या तो बंद कर दिए गए हैं या तो कछुआ चाल से चल रहे हैं और इसकी वजह से स्थानीय नागरिकों और आने-जाने वाले लोगों को 3 किलोमीटर की दूरी कम से कम 8 से 10 किलोमीटर में तय करनी पड़ रही है जिससे समय और पैसे दोनों की बर्बादी हो रही है। 

    डीपी रोड का निर्माण कार्य बंद

    दिवा-शील रोड पर स्थित खरडी गांव से करीब 1900 मीटर लंबा और 30 मीटर चौड़ा इंटरनल रोड कल्याण-शील रोड को जोड़ेने वाला डीपी रोड का कार्य पिछले 2 साल से अधूरा छोड़ दिया गया है। इस रोड पर कहीं-कहीं गिट्टी पत्थर डाल दिए गए हैं और बीच में एक छोटा सा पुल भी बना दिया गया है। लेकिन फिलहाल वर्षों से सड़क निर्माण का काम पूरी तरह बंद है। जबकि इसी रोड पर बड़ा एस.टी डिपो और पुलिस स्टेशन प्रस्तावित है। 

    यह सड़क खरडी गांव से सीधे कल्याण शील रोड पर कोकण किंग होटल के पास जुड़ेगी, जिससे यहां के रहिवासियों को दिवा आने जाने के लिए शीलगांव या शील फाटा होकर नहीं जाना पड़ेगा। फिलहाल इन लोगों को आने जाने के लिये 8 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है, जबकि सड़क के बन जाने के बाद दीवा, पडले, पलावा, खिड़काली, वासियों की दूरी मात्र 3.5 किलोमीटर में ही सिमट जाएगी। 

    बुलेट ट्रेन की तर्ज पर मुआवजे की मांग 

    गांव वालों के मुताबिक यहां की समस्या यह है जिन लोगों की जगह सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहण की जा रही है, उनको टीएमसी द्वारा टीडीआर दिया जा रहा है और इसको लेकर गांव वाले असंतुष्ट हैं। इससे स्थानीय लोग अपनी जगह को हैंड ओवर नहीं कर रहे हैं और उनका कहना है कि जिस हिसाब से बुलेट ट्रेन के प्रभावितों को मुआवजा दिया गया है उसी हिसाब से हमें भी मुआवजा नगदी स्वरूप में दिया जाना चाहिए अन्यथा हम अपनी जगह को कौड़ियों के भाव में प्रशासन को नहीं देने वाले हैं। 

    चार साल पहले शुरू हुआ सड़क का काम 

    बता दें कि इस सड़क का निर्माण के लिए वर्ष 20 अगस्त, 2018 को के ई इंफ्रा एन्ड प्रकाश इंजीनियरिंग वर्क्स (जेई) नामक कंपनी को वर्क ऑर्डर दिया गया था। इस सड़क के निर्माण की कालावधि 18 महीने थी। जिसे वर्ष 2020 में पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन तक़रीबन चार वर्ष बीत जाने के बावजूद अब तक सिर्फ 500 मीटर का काम ही पूरा हो पाया है। शेष 1400 मीटर का काम अधर में लटका हुआ है। दिवा स्टेशन के सामने सड़क को चौड़ा करने के लिए जिनके मकानों को तोड़ा गया है उन लोगों को भी पडले गांव में विस्थापित कर दिया गया है। इस बीच प्रशासन का दावा था कि खरडी गांव से पडले गांव होते हुए कल्याण शील रोड तक जल्द ही सड़क निर्माण का कार्य पूरा हो जाएगा। 

    प्रशासन दिवा-खरडी सड़क के निर्माण को लेकर प्रयासरत है। यहाँ के बाधितों का बुलेट ट्रेन की तर्ज पर नगदी मुआवजे की मांग है। ठाणे महानगरपालिका प्रशासन के पास नगद स्वरूप में मुआवजा देने का प्रावधान नहीं है और केंद्र सरकार की तरह इतना मुआवजा भी नहीं दिया जा सकता है। जिनके जमीन इस सड़क के निर्माण में जा रहे है ऐसे बाधितों से समन्वय का काम जारी है। जल्द ही मामले की सुलझा लिया जाएगा और कामों की शुरुआत की जाएगी।

    प्रशांत सोनाग्रा, नगर अभियंता, ठाणे महानगरपालिका