Panvel News

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नवी मुंबई: पनवेल ( Panvel) स्थित वांगणी (Vangani) के एक आश्रम में रहने वाली मतिमंद लड़की ने नौ साल बाद अपने घर का आधा-अधूरा पता आश्रम के लोगों को बताया, जिसके आधार पर आश्रम के लोगों ने इस लड़की की बहन का पता लगाकर उसे उसकी बहन से मिलाया। इस मिलन के दौरान दोनों बहनों की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। जिसे देखकर उक्त आश्रम के पादरी समेत अन्य सभी लोगों की आंखे भी खुशी से नम हो गई।

गौरतलब है कि जनवरी 2014 में नवी मुंबई के खांदेश्वर पुलिस स्टेशन (Khandeshwar Police Station) की हद में 25 साल की पल्लवी सालवी नामक मतिमंद लड़की मिली थी। जो अपने परिजनों का नाम और घर का पता नहीं बता पा रही थी, इसके बावजूद खांदेश्वर पुलिस ने उसके परिजनों की तलाश करने का प्रयास किया था, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिला। लड़की को पुलिस स्टेशन में रखना संभव नहीं होने की वजह से खांदेश्वर पुलिस ने उसके रहने की व्यवस्था पनवेल स्थित वांगणी के सील नामक आश्रम में किया था। जहां पर यह लड़की विगत 9 साल से रह रही थी।

मुंबई के परेल इलाके से हुई थी लापता  

सील पादरी केएम फिलिप ने बताया कि पल्लवी मुंबई के परेल इलाके में अपने परिजनों के साथ रहती थी। मानसिक कमजोरी के कारण उसने चौथी कक्षा में स्कूल छोड़ दिया था। साल 2009 में उसने खुद पर मिट्टी का तेल डालकर आत्महत्या का प्रयास भी किया था। फिलिप ने बताया कि जनवरी 2014 में गुड़ी पड़वा के जुलूस के दौरान पल्लवी अपने घर से निकली थी, लेकिन कभी घर नहीं लौटी। भटकते हुए वह मुंबई से वह नवी मुंबई पहुंच गई थी, जिसे पनवेल के पास घूमते देखकर नागरिकों ने खांदेश्वर पुलिस के हवाले किया था। जिसे पुलिस ने सील आश्रम में भर्ती कराया था।

मनोवैज्ञानिक से कराया जा रहा था उपचार

पादरी केएम फिलिप और उनके साथियों का कहना है कि आश्रम में पल्लवी का मनोवैज्ञानिक से उपचार कराया जा रहा था, आखिरकार नौ साल बाद उसे धीरे-धीरे कुछ याद आने लगा। इसी दौरान आश्रम के सामाजिक कार्यकर्ताओं को उसने परेल स्थित अपने घर का आधा-अधूरा पता बताया। जिसके आधार पर कार्यकर्ताओं उसकी बहनों अश्विनी महाडिक और किरण सालवी से संपर्क कर के आश्रम में बुलाया। जहां पर पल्लवी को जिंदा और स्वस्थ देखकर अश्विनी और किरण ने उसे गले लगा लिया।